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Last Updated : सोमवार, 8 दिसंबर 2025 (15:00 IST)

‍फिर भिड़े थाईलैंड और कंबोडिया, थाई एयरफोर्स ने F16 विमानों से किए हमले, ट्रंप की कोशिश हुई नाकाम

Thai Air Force attacks Cambodia
Thai Air Force attacks Cambodia with F16 jets: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से थाईलैंड और कंबोडिया के बीच कुछ ही हफ्ते पहले हुए युद्धविराम समझौता टूट गया है। दोनों देशों के बीच एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। थाईलैंड के F16 लड़ाकू विमानों ने कंबोडिया के सैन्य अड्डे पर एयर-स्ट्राइक की है। इस हमले में एक सैनिक के मारे जाने की खबर है।
 
थाईलैंड की रॉयल थाई एयर फोर्स (RTAF) ने सोमवार तड़के (8 दिसंबर 2025) एफ-16 लड़ाकू विमानों से कंबोडिया के एक कैसिनो की बिल्डिंग पर बमबारी की, जिसे कंबोडियाई सैनिकों ने अपने अड्डे में तब्दील कर रखा था। थाईलैंड का दावा है कि यह हमला कंबोडियाई सैनिकों द्वारा पहले की गई गोलीबारी और सीमा पर भारी हथियार तैनात करने के जवाब में किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ताजा झड़प में एक थाई सैनिक की मौत हो गई है, और कई घायल हुए हैं। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने थाई सैन्य बलों पर सीमा पर 'क्रूर और अमानवीय' हमले शुरू करने का आरोप लगाया है और इसे शांति समझौते का गंभीर उल्लंघन बताया है।
 
सीमावर्ती इलाकों से पलायन : झड़प के बाद दोनों ही देशों के लोगों ने एक बार फिर सीमावर्ती इलाकों से पलायन शुरू कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप को फीफा शांति पुरस्कार मिलने के कुछ ही समय बाद यह हमला हुआ है। दरअसल, ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जंग रुकवाई है। दोनों ही देशों ने एक-दूसरे पर ट्रंप की मध्यस्थता वाले युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, जिस पर अक्टूबर 2025 में हस्ताक्षर किए गए थे।
 
अब क्या करेंगे ट्रंप : थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक बार फिर जंग छिड़ने से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की काफी किरकिरी हुई है क्योंकि ट्रंप ने दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने का दावा किया था। ट्रंप ने जुलाई 2025 में हुए भीषण संघर्ष के बाद मध्यस्थता की थी और इस समझौते को अपनी एक बड़ी विदेश नीति उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया था। बताया जा रहा है कि अब ट्रंप मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और अन्य क्षेत्रीय नेताओं (जैसे ASEAN) के साथ मिलकर दोनों देशों पर लड़ाई तुरंत बंद करने के लिए भारी राजनयिक दबाव डाल सकते हैं। वे समझौते के टूटने पर निराशा व्यक्त कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने अतीत में अन्य संघर्षों पर किया है और दोनों पक्षों को समझौते की शर्तों का पालन करने की चेतावनी भी दे सकते हैं।
 
क्या है विवाद की वजह : थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद की मुख्य जड़ एक ऐतिहासिक मंदिर क्षेत्र और समुद्री सीमाओं को लेकर है, जिसके कारण दशकों से सीमा पर तनाव बना रहता है। दोनों देशों के बीच विवाद की मुख्य जड़ प्रीह विहार मंदिर है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी का एक प्राचीन खमेर (Khmer) हिंदू मंदिर है, जो एक खड़ी चट्टान के किनारे पर बना हुआ है। इसका सांस्कृतिक महत्व कंबोडियाई लोगों के लिए बहुत अधिक है, क्योंकि यह खमेर साम्राज्य की शक्ति और कला का प्रतीक है। 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला सुनाया कि मंदिर और उसके आसपास की भूमि कंबोडिया के क्षेत्र में आती है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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