यूपी में चोर दरवाजे से हो रही उच्च न्यायालय में भर्तियां
लखनऊ। उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय में पिछले दरवाजे से नियुक्तियां की जा रही हैं और आरोप है कि इन नियुक्तियों के पीछे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मो. फैज आलम खान का संरक्षण प्राप्त है। यह खुलासा उच्च न्यायालय कर्मचारी, अधिकारी संघ, लखनऊ के पूर्व महामंत्री ओमप्रकाश ने किया है।
ताजे मामले का खुलासा करते हुए ओमप्रकाश ने दावे के साथ कहा कि हाल ही में दो मृतक न्यायिक अधिकारियों की निकट संबंधियों को नियमों को दरकिनार कर कंप्यूटर सहायक की नौकरियां उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में दे दी गई है। इसी प्रकार, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश स्व. वीके श्रीवास्तव के पुत्र वैभव श्रीवास्तव को सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर पुस्तकालय (लाइब्रेरी) में नियुक्ति की गई है।
ओमप्रकाश का कहना है कि हर विभाग के अलग नियम हैं। मृतक के आश्रितों को समान विभाग में रखा जाना चाहिए। साथ ही यह व्यवस्था बाबुओं और प्रमोटेड अधिकारियों पर ही लागू होती है, जबकि वर्तमान में की गई नियुक्तियां नियमों के अनुकूल नहीं हैं।
ओमप्रकाश ने इस संवाददाता को बताया कि स्व. यूके सिंह, एडीजे बुलंदशहर की पत्नी श्रीमती सरोजसिंह एवं स्व. गोपाल तिवारी एडीजे की पत्नी श्रीमती नीतू तिवारी को बिना पदों का विज्ञापन प्रकाशित कराए उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कंप्यूटर सहायक की नौकरियां दे दी गईं जबकि इन पदों पर नियुक्ति से पहले पद विज्ञापित करना भारत के संविधान, नियम 1976 न्यायिक फैसले के तहत जरूरी है।