जहां एक ओर महिलाएं पारंपरिक ज़िम्मेदारियों में उलझी रह जाती हैं, वहीं मेरठ की मधु अग्रवाल ने रसोई से निकलकर एक ऐसी मिसाल पेश की है, जो न सिर्फ़ उनके लिए, बल्कि हज़ारों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी है। रसोई में इस्तेमाल होने वाले मसालों, अचार और मुरब्बे की खुशबू अब देश की सीमाओं को लांघकर विदेशों में भी फैल चुकी है।
रसोई से इंटरनेशनल मार्केट तक : एक साधारण गृहिणी की असाधारण यात्रा
कुछ साल पहले तक मधु अग्रवाल एक सामान्य हाउसवाइफ थीं। उनका जीवन पति के परिवार और बच्चों के इर्दगिर्द घूम रहा था। घर में मेहमान, रिश्तेदार और आसपास के लोग आते उनके बनाए गए अचार, मुरब्बों और मसालों की दिल खोलकर तारीफ करते थे।
उन्होंने अपने हुनर को पहचान दिलाने के लिए कुछ करने की ठान ली, जिसके चलते उन्हें पिछले साल यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में अपना स्टॉल लगाने का मौका मिला, तो जैसे किस्मत ने करवट ले ली। उनके हाथ से बना हर प्रोडक्ट लोगों को इतना पसंद आया कि ऑर्डर की बाढ़ सी आ गई। देखते ही देखते उनके मसालों और अचार की मांग देश के कोने-कोने से आने लगी और अब वह अपने हाथों के स्वाद और महक को अमेरिका, दुबई, कनाडा और खाड़ी जैसे देशों में भी भेज रही है।
मधु का कहना है कि मैं सिर्फ़ खाना नहीं बनाती थी, मैं स्वाद रचती थी, अब दुनिया उसे पहचान रही है, उत्तर प्रदेश की सरकारी योजना में Horticulture & Food Processing डिपार्टमेंट से लोन लेकर उन्होंने अपने छोटे से काम की शुरुआत की थी। शुरुआती झिझक थी, लेकिन हौसला था और जैसे ही उन्हें सही मंच मिला तो उन्होंने खुद को साबित कर दिया कि हुनर कभी दबाया नहीं जा सकता।
मधु बताती हैं, जब मैंने पहले शो में स्टॉल लगाया तो डर लग रहा था कि कोई आएगा भी या नहीं। लेकिन पहले ही दिन इतना रिस्पॉन्स मिला कि यकीन नहीं हुआ। मेरे प्रोडक्ट्स की डिमांड इतनी थी कि पूरा करना मुश्किल हो गया।
अब जॉब सीकर नहीं, जॉब गिवर हैं मधु अग्रवाल
बिजनेस वुमेन मधु अग्रवाल अकेली नहीं हैं, उनके साथ काम करने वाली महिलाएं उनकी इस सफलता की साक्षी हैं। उनके घर में ही एक छोटी सी यूनिट चल रही है, जहां महिलाएं मिलकर ऑर्डर तैयार करती हैं, अचार, मुरब्बा, मसाले, सत्तू... सबकुछ।
मधु का कहना है कि अब वो सिर्फ़ अपने लिए नहीं, बल्कि औरों के लिए भी काम कर रही हैं। उनकी टीम में ऐसी महिलाएं हैं जो कभी घर से बाहर नहीं निकली थीं। आज वो खुद अपने पैरों पर खड़ी हैं। अब सिर्फ मधु ही नहीं, बल्कि उनका पूरा परिवार इस काम में मेरा साथ दे रहा है।
पीएम मोदी और सीएम योगी को दिल से धन्यवाद
गृहिणी से बिजनेस वुमेन बनीं मधु अपनी सफलता के लिए बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करती हैं। उनका कहना है, अगर सरकार की योजनाएं और इंटरनेशनल ट्रेड शो जैसा मंच न होता, तो शायद मैं कभी अपने हुनर को देश-विदेश में पहचान नहीं दिलवा पाती। वो प्रधानमंत्री के उस विज़न को सच कर रही हैं, जिसमें उन्होंने कहा था। 'रोज़गार ढूंढो नहीं, रोज़गार दो।'
'मेड इन यूपी' से 'डिमांडेड इन यूएसए' तक का सफर
आज मधु अग्रवाल का नाम सिर्फ़ मेरठ या यूपी तक सीमित नहीं है। उनके प्रोडक्ट्स को विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है। वो एक ऐसा ब्रांड बन चुकी हैं जो स्वाद, शुद्धता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। मधु अग्रवाल की कहानी बताती है कि हाउसवाइफ भी इंटरनेशनल आइकन बन सकती है। अगर आपके पास हुनर है, तो अब इंतज़ार मत कीजिए, मंच तैयार है, बस कदम बढ़ाइए।
Edited By : Chetan Gour