बाल मजदूरी कर रहे 45 से अधिक बच्चे मुक्त कराए, नियोक्ताओं पर मामला दर्ज
बहराइच (यूपी)। बहराइच जिले में पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर छापे मारकर बाल श्रम कर रहे 48 बच्चों को मुक्त कराया है। इन बच्चों से श्रम करा रहे लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए हैं। चाइल्ड लाइन-1098 की संयोजक देवयानी ने शनिवार को बताया कि जिले के होटलों, प्रतिष्ठानों और अन्य स्थानों में आए दिन बाल मजदूरी कराए जाने के मामले सामने आ रहे थे।
लॉकडाउन व कोविड-19 महामारी के दौरान भी नेपाल से बच्चों की तस्करी की खबरें आ रही थीं। इस पर पुलिस अधीक्षक बहराइच की निगरानी में चाइल्ड लाइन-1098, प्रशासन, श्रम विभाग, जिला प्रोबेशन विभाग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार से बाल श्रम उन्मूलन अभियान शुरू किया गया।
उन्होंने बताया कि अभियान के पहले ही दिन 48 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। मुक्त कराए गए बाल श्रमिक 6 से 18 वर्ष की आयु के हैं। इन्हें कोरोनावायरस संक्रमण की जांच तथा अन्य चिकित्सकीय जांच करवाकर बाल कल्याण समिति के जरिए परिजन को सौंपा जा रहा है।
अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि पहले दिन जरवल रोड, कैसरगंज, कोतवाली देहात, कोतवाली नगर एवं दरगाह थाना क्षेत्रों में अभियान चलाया गया है। आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य थाना क्षेत्रों में भी अभियान चलाया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि बाल श्रम कराकर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। जिन नियोजकों के यहां से बाल श्रमिक मुक्त कराए गए हैं, उनके विरुद्ध बाल श्रम अधिनियम-2016, बंधुआ मजदूरी अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम एवं अनैतिक देह व्यापार अधिनियम आदि कानूनों के अंतर्गत मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। कितने मुकदमे दर्ज हुए हैं, उनकी धाराएं व आरोपियों की संख्या की जानकारी थानों से मंगवाई जा रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश की अपर पुलिस महानिदेशक नीरा रावत ने प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर 1 से 30 सितंबर तक 'नो चाइल्ड लेबर' अभियान चलाकर बाल श्रम करा रहे नियोजकों के खिलाफ बंधुआ मजदूर अधिनियम, अनैतिक देह व्यापार अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की गंभीर आपराधिक धाराओं में मामले दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा था। (भाषा)