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Last Updated : रविवार, 7 फ़रवरी 2021 (16:14 IST)

Uttarakhand : पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून में हाईअलर्ट, ग्लेशियर टूटने से मची तबाही

glacier | गढ़वाल क्षेत्र में ग्लैशियर टूटने से आई विकराल बाढ़, 150 श्रमिक लापता
देहरादून/ गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। 
राज्य के आपदा मोचन बल की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार संभवत: इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।
 
उन्होंने कहा कि ऊर्जा परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि परियोजना स्थल पर मौजूद रहे 150 कामगारों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है। बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि नदी के बहाव में कमी आई है, जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। 
रावत ने ट्वीट किया कि राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नजर रख रही है।
 
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया। शाह ने कहा कि पीड़ित लोगों के राहत, बचाव के लिए एनडीआरएफ बलों को तैनात किया गया है, अतिरिक्त बचावकर्ताओं को विमान के जरिए दिल्ली से उत्तराखंड ले जाया जा रहा है। केंद्र सरकार उत्तराखंड में हालात पर लगातार नजर रख रही है।
नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से आई बाढ़ के कारण धौलगंगा घाटी और अलकनंदा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया जिससे ऋषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर बसे रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कंपनी की ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा धौली गंगा के किनारे बाढ़ के वेग के कारण जबर्दस्त भू-कटाव हो रहा है।
 
इस बीच उत्तराखंड में ग्लैशियर टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तरप्रदेश के संबंधित विभागों और अधिकारियों को हाईअलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। योगी ने गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
इस बीच उत्तरप्रदेश के अपर मुख्‍य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने ट्वीट कर उत्‍तरप्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को आपदा अलर्ट जारी कर कहा कि उत्‍तराखंड में नंदादेवी ग्लैशियर का एक हिस्‍सा टूटने की रिपोर्ट मिली है और गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले सभी जिलों में जलस्‍तर संबंधी सतर्कता की 24 घंटे निगरानी किए जाने की आवश्‍यकता है। इसके लिए राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्‍य आपदा मोचन बल और पीएसी की बाढ़ नियंत्रण कंपनी को भी उच्‍चस्‍तर पर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। चमोली के जिला प्रशासन की ओर से अलकनंदा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
 
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रात: अचानक जोर की आवाज के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता दिखा। पानी तूफान के आकार में आगे बढ़ रहा था और वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहाकर ले गया। चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि मौके पर प्रशासन का दल पहुंच गया है और नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। रैणी से लेकर श्रीनगर तक अलकनंदा के किनारे रह रहे लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी गई है।
 

रैणी में सीमा को जोड़ने वाला मुख्य मोटर मार्ग भी इस बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है। दूसरी ओर रैणी से जोशीमठ के बीच धौली गंगा पर नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन की तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना के बैराज स्थल के आसपास के इलाके में भी कुछ आवासीय भवन बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं। (भाषा)
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