मंगलवार, 19 नवंबर 2024
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Written By Author संदीप श्रीवास्तव

अयोध्या से Ground Report : श्मशान भी अशांत, रातों में धधक रही हैं चिताएं...

अयोध्या से Ground Report : श्मशान भी अशांत, रातों में धधक रही हैं चिताएं... - Coronavirus Ground Report from Ayodhya
अयोध्या। मौत के बाद श्मशान में भी कतारें होंगी, यह किसी ने सोचा भी नहीं था। लेकिन, कोरोनावायरस काल में यह देशभर में देखने को मिल रहा है। यूपी का अयोध्या क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। हालात यह हैं कि शांत कहे जाने वाला श्मशान घाट भी लगता हैं कि अशांत हो गया है। लगभग सभी श्मशानों में रात के समय भी चिताएं धधक रही हैं। अयोध्या जनपद में भी कोरोना की स्थिति भयावह होती जा रही है। 
 
पंचायत चुनाव के बाद और बिगड़ी स्थिति : अयोध्या जनपद में कोरोना के अब तक के कुल संक्रमित केसों की संख्या 14 हजार 96 है, जबकि करीब 12 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। फिलहाल एक्टिव केसों की संख्या 1902 है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन 160 से 200 कोरोना संक्रमित मरीज जनपद में आ रहे हैं। यह तो उन मरीजों के आंकड़े हैं जो कि सरकारी व निजी अस्पतालों मे भर्ती हो रहे हैं, लेकिन इससे कहीं अधिक संख्या उन मरीजों की है घरों में रहकर अपना इलाज करवा रहे हैं।
 
जनपद के लगभग सभी मोहल्ले कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब जो आंकड़े आ रहे हैं वह तो और भी चौंकाने वाले हैं क्योंकि इन चुनावों के बाद कोरोना संक्रमण ग्रामीण इलाकों में फैलने लगा है। 
कोरोना से मरने वालों कि संख्या देखें तो सरकारी आकड़ों के अनुसार 28 अप्रैल से दो मई तक केवल 5 दिनों के भीतर ही 89 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि सही आंकड़े कुछ और ही कह रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह सभी मौतें ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई हैं। कोरोना संक्रमण के चलते मौतों की संख्या बढ़ने के कारण अयोध्या के भी श्मशान घाटों पर 24 घंटे शवदाह हो रहा है। इसके बाद भी जगह कम पड़ रही है। 
शवों को नहीं मिल रहे 4 कंधे : श्मशान घाट कि व्यवस्था देख रहे पंडित संतोष मिश्रा ने वेबदुनिया को बताया कि हमने अपने जीवन में न तो कभी इस तरह की स्थिति देखी और न ही सुनी। भयावह स्थिति है। पहले था कि किसी भी शव के अंतिम संस्कार में 200-400 लोग एकत्रित होते थे, अब समय ऐसा आ गया कि शव को चार कंधे भी नहीं मिल रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि स्थिति यह होती जा रही हैं कि महिलाओं को श्मशान घाट आकर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। मिश्रा ने बताया कि अयोध्या जनपद के सभी श्मशान घाटों पर प्रतिदिन 60 से 70 शव आ रहे हैं, जिसमें से 12 -15 शव कोविड के होते हैं। अगर यही स्थिति रही तो शवों को जलाने का संकट पैदा हो जाएगा। 
 
लावारिस पड़ी हैं अस्थियां : मिश्रा बताते हैं कि कोरोना महामारी के चलते कुछ लोग तो अपने परिजन का शव लाकर घाट पर छोड़कर चले जाते हैं, जिनका अंतिम संस्कार श्मशान घाट कर्मी करते हैं। वहीं, कुछ लोग शव को जला तो देते हैं, लेकिन राख व अस्थियां तक लेने नहीं आ रहे हैं। उन्हें भी श्मशान कर्मी ही प्रवाहित कर रहे हैं। हलात दिनोंदिन बदतर होते जा रहे हैं।