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Written By UN
Last Updated : शुक्रवार, 3 मई 2024 (12:20 IST)

Gaza: मलबे में 10 हज़ार से ज्‍यादा लोगों के दबे होने की आशंका

gaza
More than 10 thousand people buried under the debris in Gaza: मानवीय सहायता मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) का कहना है कि ग़ाज़ा पट्टी में पिछले सात महीनों से जारी युद्ध से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है और मलबे के नीचे 10 हज़ार से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है। यूएन एजेंसी ने ग़ाज़ा में स्वास्थ्य प्रशासन से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह बात कही है।
इसराइली बमबारी में कई इलाक़े पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं, सैकड़ों इमारतों को नुक़सान पहुंचा है और अब भी हवाई, भूमि व समुद्री मार्ग से भीषण इसराइल की सैन्य कार्रवाई जारी है।

OCHA ने फ़लस्तीनी नागरिक प्रतिरक्षा प्राधिकरण का हवाला देते हुए बताया कि मलबे में दबे शवों को बाहर निकालना एक बड़ी चुनौती है, जिसकी एक बड़ी वजह बुलडोज़र, खुदाई करने वाले उपकरणों और कर्मचारियों की क़िल्लत है।

यूएन एजेंसी के अनुसार फ़िलहाल जो पुराने औज़ार उपलब्ध हैं, उनकी मदद से शवों को बाहर निकालने में तीन वर्षों तक का समय लग सकता है। यूएन विशेषज्ञों ने सचेत किया है कि बढ़ते तापमान के कारण शवों के सड़ने में तेज़ी आ सकती है, जिससे बीमारियाँ फैलने का ख़तरा बढ़ेगा।

दुस्वप्न का अन्त ज़रूरी: यूएन बाल कोष (UNICEF) की प्रमुख कैथरीन रसैल ने ज़ोर देकर कहा है कि फ़लस्तीनियों के लिए इस दुस्वप्न का अन्त किया जाना होगा।

उनके अनुसार लगभग दक्षिणी सीमा पर स्थित रफ़ाह शहर में शरण लेने वाले छह लाख बच्चों में से लगभग सभी घायल, बीमार या कुपोषित हैं। “ग़ाज़ा में 200 से अधिक दिनों के युद्ध में पहले से ही हज़ारों बच्चों की मौत हो चुकी है या वे अपंग हुए हैं” इस बीच, रफ़ाह में इसराइल द्वारा बड़े स्तर पर सैन्य कार्रवाई की आशंका प्रबल होती जा रही है।

7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल पर हमास के नेतृत्व में आतंकी हमलों में 1,250 लोग मारे गए थे और 250 को बंधक बना लिया गया था, जिनमें से अनेक लोग अब भी बन्धक हैं।

इसके बाद शुरू हुई इसराइली कार्रवाई में अब तक 34 हज़ार 560 फ़लस्तीनियों की जान गई है और 77 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं। 1 मई तक, लड़ाई में इसराइल के 262 सैनिकों के मारे जाने की ख़बर है और 1,602 सैनिक घायल हुए हैं।

शक्तिशाली बम : अप्रैल में इसराइली सैनिकों ने दक्षिणी ग़ाज़ा में स्थित ख़ान यूनिस शहर से वापसी की थी, जिसके बाद यूएन की समीक्षा टीम ने 10 अप्रैल को वहां हालात का जायज़ा लिया। यूएन मिशन के अनुसार सड़कों व सार्वजनिक स्थलों पर अनफटे विस्फोटक बिखरे हुए हैं। मुख्य चौराहों और स्कूलों के भीतर एक हज़ार पाउंड वज़न के विस्फोटक पड़े हुए नज़र आए।

यूएन की टीम ग़ाज़ावासियों की ख़ान यूनिस में वापसी को सुरक्षित बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके तहत फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) केन्द्रों पर सैन्य कार्रवाई में हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है।

साथ ही छर्रों और अनफटी युद्धक सामग्री से प्रभावित इलाक़ों को चिन्हित किया जा रहा है। इस क्रम में जागरूकता प्रसार की अहम भूमिका है, जिसे 12 लाख ग़ाज़ावासियों के लिए UNMAS द्वारा सोशल मीडिया, मोबाइल फ़ोन पर सन्देशों और अन्य लिखित सामग्री के ज़रिये किया जा रहा है। अब तक ग़ाज़ा पट्टी में 3.7 करोड़ टन मलबे का अनुमान है, जिसमें क़रीब आठ लाख टन ऐस्बेस्टस और अन्य दूषक पदार्थ हो सकते हैं।
Edited by Navin Rangiyal