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Written By Feature Desk

कश्मीर के खीर भवानी मंदिर के कुंड के पानी का बदला रंग भविष्य में किस घटना का दे रहा संकेत, क्या है कुंड के सतरंगी पानी का रहस्य

खीर भवानी मंदिर का इतिहास
kheer bhawani temple water turned its colour: कश्मीर, जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ कई ऐसे रहस्यों को भी समेटे हुए है जो आस्था और विज्ञान के बीच की रेखा को धुंधला कर देते हैं। ऐसा ही एक रहस्य है कश्मीर के श्रीनगर में स्थित खीर भवानी मंदिर का पवित्र कुंड। यह जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुल्ला या तुला मुल्ला गांव में है।  हाल ही में इस कुंड के पानी का रंग बदलने की खबरें सामने आई हैं, जिसने एक बार फिर से इस प्राचीन मंदिर से जुड़ी भविष्यवाणियों की चर्चा छेड़ दी है। आखिर क्या है इस कुंड के रंग बदलने और घाटी पर आने वाली विपदाओं का इत्तेफाक? और क्या वाकई यह कुंड भविष्य में घटने वाली घटनाओं का संकेत देता है?

चमत्कारिक कुंड का रहस्य: भविष्य का पता देने वाला जल!
खीर भवानी माता का यह दरबार कश्मीरी पंडितों की कुलदेवी मां रागन्या देवी को समर्पित है। इस मंदिर के कुंड के पानी को चमत्कारी माना जाता है। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की मानें तो, जब भी घाटी पर कोई विपदा आई है, खीर भवानी माता ने कुंड के पानी का रंग बदलकर संकेत जरूर दिया है। यह मान्यता सदियों से चली आ रही है और कई घटनाओं में इसकी पुष्टि होने का दावा किया जाता है।
कश्मीरी पंडितों की कुलदेवी, खीर भवानी मां, हर बार अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। वे न सिर्फ संकट को हरती हैं, बल्कि उसके आने से पहले इशारा भी करती हैं। यह मंदिर कश्मीरी पंडितों के लिए गहरी आस्था का केंद्र है और वे मानते हैं कि मां उन्हें हर मुश्किल से बचाती हैं।


कब-कब बदला कुंड का रंग, और क्या हुए परिणाम?
मंदिर के कुंड के पानी के रंग के बदलाव को शुभ और अशुभ संकेतों के रूप में देखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जब-जब कश्मीर पर संकट आया है, कुंड का रंग बदला है:
• 1990 का कश्मीरी पंडितों का पलायन: यह कश्मीर के इतिहास का एक काला अध्याय है जब लाखों कश्मीरी पंडितों को घाटी से पलायन करना पड़ा था। उस समय इस पवित्र जलकुंड का रंग गहरा काला हो गया था, जिसे एक बड़े संकट का पूर्व संकेत माना गया।
• साल 2024 में अनुच्छेद 370 के बाद चुनाव: अनुच्छेद 370 हटने के बाद जब कश्मीर में चुनाव हुए, तब भी इस कुंड के पानी का रंग हरा हो गया था। हरे रंग को आमतौर पर समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है, जो चुनाव के बाद घाटी में शांति और विकास की उम्मीदों से जोड़ा गया।
• साल 2025 में पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर: हाल ही में, जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और हिंदुस्तान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पाकिस्तान को धूल चटाई, तब भी इस पवित्र कुंड के पानी का रंग बदला था। 

सतरंगी पानी की पहेली: क्या है भविष्य का संकेत?
वर्तमान में कुंड के पानी का रंग हरा हो गया है। कुंड के पानी में आए बदलाव को लेकर अलग-अलग व्याख्याएं की जा रही हैं। कुछ लोग इसे आने वाले समय में घाटी में शांति और स्थिरता का संकेत मान रहे हैं, जबकि कुछ अन्य किसी संभावित चुनौती की आशंका भी जता रहे हैं। सच्चाई जो भी हो, खीर भवानी मंदिर का यह कुंड आज भी लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है, और इसके रहस्यमयी संकेत कश्मीर के भविष्य को लेकर उत्सुकता बनाए हुए हैं।
खीर भवानी मंदिर के कुंड के इस सतरंगी पानी की पहेली आज भी अनसुलझी है। वैज्ञानिक भले ही पानी के रंग बदलने के पीछे भूगर्भीय या रासायनिक कारणों का हवाला दें, लेकिन भक्तों के लिए यह मां का सीधा संदेश है। वे मानते हैं कि यह कुंड घाटी के भविष्य की घटनाओं का दर्पण है।

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