शहीर शेख ने 'कुछ रंग प्यार के 2' करने से कर दिया था इंकार
'कुछ रंग प्यार के' का सीजन 2 दर्शकों के सामने आ चुका है, लेकिन इस सीरियल की सफलता के पीछे किसी एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरी टीम का हाथ है। चाहे वह अभिनेता हो, चाहे वह निर्माता हो, चाहे वो लेखक ही क्यों ना हो। सीरियल के बारे में बातचीत करते हुए निर्माता यश पटनायक और ममता पटनायक का कहना था कि, शहीर शेख हमारी लिए पहली पसंद थे।
उन्होंने कहा, हम चाहते थे कि देव का रोल शहीर को ही मिले, लेकिन यह वह समय था जब शहीर इंडोनेशिया रहने लगे थे और उस समय जब हमने बात की तो शहीर हमारे ऑफिस आए तो लेकिन इस रोल के लिए मना करने के लिए। आज देखिए शहीर हमारे इस सीजन टू में भी देव की भूमिका में नजर आ रहे हैं और हमें पूरा यकीन है कि इस बार भी उन्हें उतना ही प्यार मिलेगा।
जब सोनाक्षी के रोल की बात करें तो इसके लिए एरिका को चुनने के पीछे एक ही कारण था। हमें जैसी सोनाक्षी चाहिए थी एरिका बिल्कुल वैसी ही है। मतलब उनके दिखने में सादगी हो और उनकी चाल ढाल कुछ ऐसी लगे कि वह न्यूट्रीशनिस्ट है। वह खाने को नापतोल कर खाना और खिलाना पसंद करने वाली हो। एरिका जब इस रोल के लिए ऑडिशन में भी आई थी तो एक तो उनका लुक हमें बहुत पसंद आ गया और दूसरा यह कि जिस तरीके से उनका बोलने का तरीका था हम चाहते थे कि हमारी सोनाक्षी जो है वह आम लड़कियों की तरह बातचीत करने वालों में से ना हो। बहुत सोच समझ कर हर शब्द अपने ज़ुबान से निकालने वाले में से हो।
ऑडिशन में जितनी भी लड़कियां आई, उसमें सबसे अलग कोई याद रहा तो वह एरिका ही थी। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि एरिका असल में जैसी है उसे सोनाक्षी को भी वैसा ही रूप देने की कोशिश की है। तो चाहे शहीर की बात करें या फिर एरिका कि इन दोनों को देखकर लगता है कि देव और सोनाक्षी अगर कोई कर सकता है तो यही दोनों कर सकते हैं।
लगभग यही कहानी सुप्रिया की थी। सुप्रिया पिलगांवकर भी इस रोल के लिए जब ममता और यश पटनायक के ऑफिस में मना करने पहुंची थीं। ऐसे में अपने रोल के बारे में बताते हुए सुप्रिया कहती हैं, इस रोल ने मुझे बहुत कुछ दिया। आई तो मैं भी मना करने के लिए ही थी कि जब रोल के लिए बुलाया है तो चलिए निर्माता के ऑफिस में जाकर उन्हें मना करते हैं। इतनी इज्जत देनी चाहिए। लेकिन फिर मुझे मुझे कहानी सुनाई गई। कहानी सुनते सुनते मैंने वही फौरन हां कर दिया क्योंकि यह रोल ही कुछ इस तरीके से लिखा गया था। यह एक मां है और मां होने का हर अच्छा गुण इसमें है लेकिन जब बात सास की हो जाती है तो दुनिया की नजर में वह एक नकारात्मक भूमिका निभा रही होती है लेकिन जब वह खुद अपने तरीके से देखती है तो उसे बिल्कुल नहीं लगता कि वह सोनाक्षी के साथ गलत कर रही है।
जब से मैंने यह रोल किया तो मेरी निजी जिंदगी में भी बहुत तब्दीली आई है। मैं अपनी सास की बात समझने लगी हूं। अब मुझे समझ में भी आता है कि अगर वह कोई बात कह रही है तो उनके पीछे कोई बुरी मंशा नहीं होती है। हालांकि मैं अभी तक सास नहीं बनी पर मुझे लगता है कि मैं बेहतरीन सास बन पाऊंगी क्योंकि अब मुझे मालूम है सास कैसा सोचती है और बहू के तौर पर तो मैं जानती हूं कि सोच क्या होती है।
सच कहूं तो यह रोल मेरे लिए बहुत ही चैलेंजिंग रहा, क्योंकि इसमें हर वह गुण जो बाकी के सीरियल वाली सास जैसा मुझे बना सकता था और मुझे वही सब नहीं करना था। अपने आप को बहुत सकारात्मक भी रखना था, अच्छा भी रखना था लेकिन अपने अंदर वह भाव भी लाना था जिसकी वजह से सास को सास माना जाता है। अपने रोल के बारे में शहीर बताते हैं, देव का रोल कुछ इस तरीके से था जो मैंने अब तक कभी भी नहीं किया था और मेरे लिए बहुत मुश्किल रोल था। क्योंकि इस इंसान में इतने सारे परते हैं। उसके किरदार में इतने सारे रंग हैं। इस देव को मेरे लिए समझना बहुत मुश्किल और वैसे भी सीजन 1 के समय मेरी शादी हुई नहीं थी और अब सीजन 2 के दौरान जब हो गई है तब भी मेरे लिए रोल समझना जरा मुश्किल की है।
हम लोग सिलीगुड़ी में शूट कर रहे थे और वहां पर मैंने शूट का बहुत फायदा उठाया। वहां का मौसम बहुत अच्छा था हम लोग भी शूट करते करते छुट्टी लेते और जैसे ही समय मिलता शॉपिंग के लिए चले जाते थे। यानी मेरे पास बहुत समय था। अपने आप को खुश रखने का फिर भी कहूंगा कि यह रोल मेरे लिए उतना ही मुश्किल रहा है। इस समय कनेक्ट नहीं कर पाता हूं और शायद यही वजह है। जो मुझे यह रोल अंदर तक हिला कर रख देता है और इस रोल को निभाने की मेरी इच्छा हो जाती है।