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Last Modified: मंगलवार, 30 अगस्त 2022 (10:47 IST)

Ujjain में है सौभाग्येश्वर शिव मंदिर, हरतालिका तीज पर उमड़ती है भीड़, सौभाग्य का देते हैं वरदान

Ujjain में है सौभाग्येश्वर शिव मंदिर, हरतालिका तीज पर उमड़ती है भीड़, सौभाग्य का देते हैं वरदान - saubhagyaeshwar shiva mandir ujjain
उज्जैन। 30 अगस्त 2022 मंगलवार के दिन देशभर में हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष भाद्रपद की तृतीया के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसील हरतालिका तीज को सुहाग का व्रत भी कहा गया है। इस व्रत को रखने से परिवार का कल्याण भी होता है। इस दिन उज्जैन में स्थित सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर में भीड़ उमड़ती है।
 
इस दिन महिलाएं न पानी पीती हैं न अन्न ग्रहण करती हैं। उज्जैन में हरतालिका तीज को लेकर प्रति वर्ष बड़ी संख्या में महिलाएं पटनी बाजार स्थित सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर पंहुचकर दर्शन का लाभ लेते हुए कथा सुनती हैं। 84 महादेव मंदिरों में से एक सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर हरतालिका तीज पर्व पर सोमवार रात 12 बजे से ही दर्शन के लिए खोल दिया जाता है।
 
अविवाहित कन्याएं भी करती हैं ये व्रत:- यह व्रत अविवाहित कन्या भी करती हैं। शिव-पार्वती का पूजन करती हैं, इस दिन उपवास, रात्रि जागरण, कथा सुनकर दर्शन का लाभ पुण्य लिया जाता है। ये व्रत सर्वप्रथम मां पार्वती ने किया था। चूंकि मां पार्वती ने ये व्रत करते हुए अन्न-जल त्याग दिया था इसलिए इस व्रत को करने वाली महिलाएं अन्न जल ग्रहण नहीं करती हैं।
 
सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर की प्रचिलित कहानी:- मान्यता है कि काफी समय पहले अश्वाहन नामक एक राजा की पत्नी का नाम मदनमंजरी था राजा अश्वाहन को वह प्रिय नहीं थी। रानी के स्पर्श मात्र से राजा का शरीर जलने लगता था। राजा ने क्रोध में आकर रानी को वन में छोड़कर आए। वहां एक तपस्वी से रानी ने अपनी व्यथा कही। तब तपस्वी ने कहा तुम महाकाल वन में जाओ और वहां सौभाग्येश्वर महादेव का पूजन करो। तुम्हारे पूर्व इंद्राणी ने भी उनका पूजन कर इंद्र को प्राप्त किया था। रानी के सौभाग्येश्वर महादेव के दर्शन मात्र से राजा को रानी का स्मरण आया और राजा ने जमदग्नि मुनि से रानी का पता पूछा और उज्जैन पहुंचा। रानी के वापस लौटने के बाद व्रत नामक पुत्र हुआ। यह भी मान्यता है कि सौभाग्येश्वर महादेव के दर्शन से ग्रह दोष नहीं लगता।
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