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Last Updated : गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021 (22:01 IST)

क्या महेंद्र सिंह धोनी टी-20 विश्वकप के बाद होंगे टीम इंडिया के कोच?

क्या महेंद्र सिंह धोनी टी-20 विश्वकप के बाद होंगे टीम इंडिया के कोच? - MS Dhoni may be seen as full time coach of team India
टी-20 विश्वकप की टीम की घोषणा पर सबकी नजर थी लेकिन जो सबसे चौंकाने वाला फैसला था वह महेंद्र सिंह धोनी को टीम के साथ मेंटर की भूमिका में भेजने वाला था। 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर टी-20 विश्वकप के लिए भारतीय ड्रेसिंग रूम में मौजूद रहेंगे। बस अंतर यह रहेगा कि इस बार वह बतौर कप्तान नहीं बतौर मेंटर टीम की रणनीति बनाएंगे।

क्या धोनी से कोच की तलाश पहले ही खत्म कर ली बोर्ड ने

इससे पहले रवि शास्त्री का बतौर कोच कार्यकाल पूरा होता बोर्ड ने पहले ही विश्व भर के कोचों को बता दिया कि वह वोकल फॉर लोकल हैं। गौरतलब है कि रवि शास्त्री का कार्यकाल इस टी-20 विश्वकप के बाद खत्म होने वाला है।

ऐसे में यह कदम ठीक वैसा है जैसे नोटिस पीरियड में एक कर्मचारी के रहते हुए कंपनी दूसरे कर्मचारी की नियुक्ति कर लेती है। ताकि जो जाने वाला कर्मचारी है वह उसको पूरा काम समझा जाए और नए कर्मचारी को उसके अनुभव का लाभ मिल सके।

संभवत रवि शास्त्री के जाने के बाद महेंद्र सिंह धोनी को फुल टाइम कोच का प्रस्ताव बीसीसीआई रखेगी। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली महेंद्र सिंह धोनी को नई भूमिका देने में विश्वास रखते हैं। जब दादा टीम के कप्तान थे तो उन्होंने ही दिनेश कार्तिक की जगह धोनी को सिलेक्ट किया था। अब शायद वह उन्हें कोच के रुप में सिलेक्ट करें।

माही को कोच क्यों चुना जा सकता है

महेंद्र सिंह धोनी जितनी बेहतरीन तरीके से क्रिकेट को समझते हैं उनसे बेहतर शायद ही कोई क्रिकेटर समझता हो। पिच से लेकर टीम कॉम्बिनेशन तक उनका आंकलन सटीक रहता है। यही नहीं डीआरएस के लिए तो कोहली धोनी की तरफ तब भी देखते थे जब वह कप्तान नहीं थे। धोनी द्वारा लिया गया शायद ही कोई रिव्यू हो जो अंत में गलत साबित हुआ हो। हालांकि पवैलियन में बैठे बैठ अब माही डीआरएस में तो कोहली की मदद नहीं कर पाएंगे।

ऐसे में बतौर कोच महेंद्र सिंह धोनी का करियर बहुत उज्जवल दिखता है। भारतीय टीम के फैंस तो यही चाहेंगे कि वह टीम इंडिया के कोच बने। विदेशी टीमें भारत के कोच को रखना पसंद नहीं करती लेकिन माही के बारे में वह अपना विचार बदल सकती थी शायद इस कारण ही सौरव गांगुली ने माही पर यह दाव खेला है।

ऐसा रहा है धोनी का करियर

भारत के लिए धोनी ने 350 वन-डे, 90 टेस्ट और 98 टी-20 मैच खेले। करियर के आखिरी चरण में वे खराब फार्म से जूझते रहे जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाती रहीं।
 
उन्होंने वन-डे क्रिकेट में पांचवें से सातवें नंबर के बीच में बल्लेबाजी के बावजूद 50 से अधिक की औसत से 10773 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए और भारत को 27 से ज्यादा जीत दिलाई।
आंकड़ों से हालांकि धोनी के करियर ग्राफ को नहीं आंका जा सकता। धोनी की कप्तानी, मैच के हालात को भांपने की क्षमता और विकेट के पीछे जबर्दस्त चुस्ती ने पूरी दुनिया के क्रिकेटप्रेमियों को दीवाना बना दिया था।

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में शुमार विकेटकीपर बल्लेबाज धोनी की अगुवाई में भारत ने दो विश्व कप खिताब - दक्षिण अफ्रीका में 2007 टी20 विश्व कप और भारत में 2011 वनडे विश्व कप - जीते हैं।

धोनी (40 वर्ष) ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर से संन्यास ले लिया था। वह भारत के लिये अंतिम मैच 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में खेले थे। (वेबदुनिया डेस्क)