मुंबई। भारी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 145 अंक से अधिक टूटकर 58000 अंक के स्तर से नीचे आ गया।इसी प्रकार निफ्टी लाभ-हानि के बीच घूमते हुए अंत में 30.25 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,322.20 अंक पर बंद हुआ।
रूस-यूक्रेन के बीच तनाव दूर होने के संकेत के साथ वैश्विक बाजारों में तेजी के बावजूद घरेलू बाजारों में गिरावट रही। तीस शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक- सेंसेक्स में कारोबार के दौरान 800 अंकों का उतार-चढ़ाव आया। अंत में यह 145.37 अंक यानी 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,996.68 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी लाभ-हानि के बीच घूमते हुए अंत में 30.25 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,322.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में एनटीपीसी, एसबीआई, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व और बजाज फाइनेंस प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। इनमें 1.63 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
दूसरी तरफ, भारती एयरटेल का शेयर 1.41 प्रतिशत बढ़त के साथ सबसे अधिक लाभ में रहा। इसके अलावा एचडीएफसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, डॉ. रेड्डीज, कोटक बैंक और नेस्ले इंडिया में भी प्रमुख रूप से तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 नीचे आए।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, रूस-यूक्रेन सीमा पर तनाव कम होने के साथ दोपहर के कारोबार में घरेलू शेयर बाजारों में तेजी लौटी। हालांकि पश्चिमी बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार के अंतिम घंटों में तेज बिकवाली हुई।
उन्होंने कहा, मुद्रास्फीति को लेकर वैश्विक स्तर पर दबाव बना हुआ है। ब्रिटेन में मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 5.5 प्रतिशत पहुंच गई, जो 30 साल का उच्च स्तर है। इससे बैंक ऑफ इंग्लैंड पर नीतिगत दर में एक और वृद्धि का दबाव बना है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि बाजार इस समय वैश्विक धुन पर झूम रहा है और यह प्रवृत्ति बनी रह सकती है। उन्होंने कहा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा तथा रूस-यूक्रेन संकट पर निवेशकों की नजर होगी। इसके अलावा साप्ताहिक आधार पर सौदों के निपटान को देखते हुए बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। हमारा निवेशकों के लिए चीजें साफ होने तक सतर्क रुख का सुझाव बरकरार है।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी अच्छे लाभ में रहे।यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर कारोबार में तेजी का रुख था। इस बीच, वैश्विक कच्चा तेल मानक ब्रेंट वायदा 0.19 प्रतिशत गिरकर 93.06 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर 23 पैसे मजबूत होकर 75.09 पर पहुंच गई। शेयर बाजारों के अस्थाई आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक मंगलवार को पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 2,298.76 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे।(भाषा)