भारी बिकवाली से सेंसेक्स और निफ्टी की तेजी पर लगा विराम
मुंबई। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को अंतिम घंटे में हुई भारी बिकवाली से सुबह के सत्र में हासिल ऊंचाई से करीब 900 अंक का गोता लगाते हुए 77 अंक गिरकर 57200 अंक पर बंद हुआ। एनएसई के निफ्टी का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। कारोबार के दौरान निफ्टी भी शुरू में बढ़त लेने के बाद अंत में गिरावट के साथ बंद हुआ।
सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस की शुरुआत काफी सकारात्मक हुई और तीस शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स दोपहर के सत्र में 58,000 के स्तर से भी ऊपर चला गया। लेकिन अंतिम घंटों में बैंकिंग एवं वाहन कंपनियों के शेयरों में हुई भारी बिकवाली ने इस पूरे लाभ को गंवा दिया और आखिर में बाजार 76.71 अंक यानी 0.13 फीसदी की गिरावट के साथ 57,200.23 अंक पर बंद हुआ।
एनएसई के निफ्टी का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। कारोबार के दौरान निफ्टी भी शुरू में बढ़त लेने के बाद अंत में गिरावट के साथ बंद हुआ। निफ्टी 8.20 अंक यानी 0.05 फीसदी के नुकसान के साथ 17,101.95 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की गिरावट के पीछे मारुति सुजूकी, टेक महिंद्रा, पावरग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और एसबीआई का हाथ रहा। इन शेयरों ने करीब तीन फीसदी तक का नुकसान झेला। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख विनोद नायर ने कहा, पिछले दिवस के कमजोर स्तर पर बंद होने वाले बाजार की शुरुआत मजबूत स्तर पर हुई।
लेकिन जल्द ही घरेलू बाजार कमजोर यूरोपीय रुझानों से प्रभावित होकर बिकवाली के दबाव में आ गए। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत सख्ती बरतने और यूक्रेन में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने वैश्विक धारणा को प्रभावित किया।
नायर ने कहा कि इस सप्ताह में देखी गई भारी बिकवाली के बाद आईटी, रियल्टी और मिडकैप एवं स्मालकैप का प्रदर्शन सुधरा है। एशिया के अन्य बाजारों में मिलाजुला रुख देखने को मिला। जापान एवं कोरिया के बाजार नकारात्मक स्तर पर बंद हुए।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.42 फीसदी की बढ़त के साथ 89.70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रहा। शेयर बाजार से मिली सूचना के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को 6,266.75 करोड़ रुपए के शेयरों की बिक्री की।(भाषा)