ब्याज दरों में कम कटौती से सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़के, चौतरफा हुई बिकवाली
मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में उम्मीद से कम कटौती करने से घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को लाल निशान में चले गए और बीएसई का सेंसेक्स 553.82 अंक टूटकर एक सप्ताह से ज्यादा के निचले स्तर 39,529.72 अंक तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 177.90 अंक का गोता लगाता हुआ 2 सप्ताह के निचले स्तर 11,843.75 अंक पर बंद हुआ।
केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की, लेकिन यह बाजार की अपेक्षा से कम थी। इससे निवेश धारणा कमजोर होने से बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई। तेल एवं गैस समूह का सूचकांक 3 प्रतिशत से अधिक लुढ़क गया। पूंजीगत वस्तुओं, बैंकिंग, वित्त, पीएसयू तथा इंडस्ट्रियल्स समूहों में भी 2 से तीन फीसदी के बीच गिरावट देखी गई।
सेंसेक्स 52.89 अंक की बढ़त में 40,136.43 अंक पर खुला और शुरू में ही 40,159.26 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर को छूने के बाद लाल निशान में चला गया। नीतिगत बयान जारी के होने के बाद इसकी गिरावट बढ़ गई। गत दिवस 40,083.54 अंक पर बंद होने वाला सेंसेक्स एक समय 600 अंक से ज्यादा टूटकर 39,481.15 अंक तक उतर गया। कारोबार की समाप्ति पर यह गत कारोबारी दिवस के मुकाबले 553.82 अंक यानी 1.38 प्रतिशत नीचे 39,529.72 अंक पर बंद हुआ। यह 29 मई के बाद का निचला स्तर है।
सेंसेक्स की 30 में से 22 कंपनियों के शेयर लाल तथा अन्य 8 के हरे निशान में रहे। सबसे ज्यादा करीब 7 प्रतिशत की गिरावट इंडसइंड बैंक में रही। यह बैंक के शेयर छह फीसदी से अधिक टूटे। निफ्टी भी 18.15 अंक की बढ़त में 12,039.80 अंक पर खुला और यही इसका दिवस का उच्चतम स्तर रहा। इसके बाद लगातार टूटता हुआ यह एक समय 11,830.25 अंक के दिवस के निचले स्तर तक भी उतरा।
कारोबार की समाप्ति पर यह गत दिवस की तुलना में 177.90 अंक यानी 1.48 फीसदी टूटकर 11,843.75 अंक पर बंद हुआ जो 23 मई के बाद का निचला स्तर है। निफ्टी की 50 में से 36 कंपनियां लाल और शेष 14 हरे निशान में रहीं। मझौली और छोटी कंपनियों में गिरावट ज्यादा रही।
बीएसई का मिडकैप 1.77 प्रतिशत टूटकर 14,907.48 अंक पर और स्मॉलकैप 1.60 फीसदी लुढ़ककर 14,672.69 अंक पर आ गया। बीएसई में कुल 2,731 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1,840 में बिकवाली और 755 में लिवाली का जोर रहा जबकि 136 के शेयर दिन र के उतार-चढ़ाव के बाद अंतत: अपरिवर्तित बंद हुए।