कमजोर वैश्विक रुख से सेंसेक्स टूटा, निफ्टी भी लुढ़का
मुंबई। आम चुनाव से पहले किसानों को लुभाने के लिए प्रस्तावित पैकेज का राजकोष पर पड़ने वाले असर की चिंता तथा कमजोर वैश्विक रुख से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स गुरुवार को 377 अंक से अधिक टूट गया। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 377.81 अंक यानी 1.05 प्रतिशत के नुकसान से 35,513.71 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 120.25 अंक या 1.11 प्रतिशत टूटकर 10,700 अंक से नीचे 10,672.25 अंक पर बंद हुआ।
एपल द्वारा अपनी आमदनी के अनुमान को कम करने से वॉल स्ट्रीट पर अचानक बिकवाली का सिलसिला चला। इससे एशिया और यूरोप के बाजारों में गिरावट रही। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा वहां की संसद के शीर्ष नेताओं के बीच बुधवार को सरकार के कामकाज की आंशिक बंदी का हल ढूंढने के लिए हुई बैठक बेनतीजा रही। इससे वैश्विक स्तर पर निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में वेदांता, एमएंडएम, ओएनजीसी, टाटा स्टील, एलएंडटी, एचडीएफसी, एनटीपीसी और एक्सिस बैंक के शेयर 3.04 प्रतिशत तक टूट गए, वहीं दूसरी ओर एचसीएल टेक, बजाज ऑटो, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एशियन पेंट्स के शेयरों में आधा प्रतिशत तक का लाभ दर्ज हुआ।
ऐसे समाचार हैं कि सरकार किसानों को अन्य प्रोत्साहनों के अलावा प्रति कृषि सत्र 4,000 रुपए प्रति एकड़ का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण करने पर विचार कर रही है। इससे सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ेगा। निवेशकों की धारणा पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है। कंपनियों के तिमाही नतीजे अगले सप्ताह से आने से शुरू होंगे। इसके मद्देनजर भी निवेशकों की गतिविधियों सीमित रहीं। कारोबारियों ने कहा कि विदेशी और घरेलू कोषों की बिकवाली से भी शेयर बाजार प्रभावित हुए हैं।
इस बीच, शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बुधवार को 621.06 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 226.18 करोड़ रुपए की बिकवाली की। इस बीच, अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया कुछ गिरावट के साथ 70.26 रुपए प्रति डॉलर पर चल रहा था। ब्रेंट क्रूड वायदा 0.15 प्रतिशत के नुकसान से 54.83 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 0.81 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 0.26 प्रतिशत और शंघाई कम्पोजिट 0.03 प्रतिशत के नुकसान में रहे।