बुधवार, 25 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सिंहस्थ 2016
  3. समाचार
  4. Simhastha 2016 : Stone Eater naga baba
Written By
Last Modified: उज्जैन , गुरुवार, 19 मई 2016 (11:10 IST)

पत्थर खाने वाले बाबा...

पत्थर खाने वाले बाबा... - Simhastha 2016 : Stone Eater naga baba
सालों से पत्थर खाकर जिंदा रहने वाले पत्थर खाने वाले बाबा मानते हैं कि प्रभु की कृपा और गुरु के आशीर्वाद से वो बिल्कुल ठीक हैं, और पत्थर खाने के बावजूद उन्हें कोई तकलीफ नहीं है। 
संत मनमोहन भारती महाराज 17 वर्ष की उम्र से कंकड़-पत्थर खाकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। रोजाना सुबह से शाम में ये लगभग एक से सवा किलो पत्थर खा जाते हैं। इसलिए लोग उन्हें पत्थर खाने वाला महाराज कहते हैं। उन्होंने बताया कि 17 साल की उम्र में उन्होंने पत्थर खाने शुरू किए और तब से आज तक रोजाना पत्थर खा रहे हैं। 
 
मनमोहन भारती श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा के संत हैं और नासिक से उज्जैन आए हैं। जूना अखाड़ा के मनमोहन भारती भूखी माता रोड नृसिंह घाट ब्रिज के नजदीक दादा गुरु महंत मणिमहेश भारती के साथ कैंप में ठहरे हुए हैं।
 
कंकड़-पत्थर खानें में न तो उन्हें दांत टूटने का डर लगता है और न ही कभी कंकड़ पत्थर खाने से उन्हें पेट दर्द या अन्य शिकायत होती है। पत्थर खाते समय वे बीचबीच में एक दो फंक्की शक्कर की जरूर लेते हैं। मनमोहन भारती के मुताबिक शक्कर इसलिये खाते हैं ताकि मुंह में गीलापन रहे। उनके मुताबिक पत्थर ही उनका भोजन है।
ये भी पढ़ें
कविता : ब्राह्मण कौन है?