श्रावण मास विशेष : जिसको सब चाहें वह शिव हैं
Shravan Month Special श्रावण शिव का अत्यंत प्रिय मास है। इस मास में शिव की भक्ति करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। उनके पूजन के लिए अलग-अलग विधान भी है। भक्त जैसे चाहे उनका अपनी कामनाओं के लिए उनका पूजन कर सकता है। शवे भक्ति:शिवे भक्ति:शिवे भक्तिर्भवे भवे ।अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरंण मम्।।उच्चारण में अत्यंत सरल शिव शब्द अति मधुर है। शिव शब्द की उत्पत्ति वश कान्तौ धातु से हुई हैं। जिसका तात्पर्य है जिसको सब चाहें वह शिव हैं ओर सब चाहते हैं आंनद को अर्थात शिव का अर्थ हुआ आंनद।
भगवान शिव का ही एक नाम शंकर भी हैं। शं यानी आंनद एवं कर यानी करने वाला अर्थात आंनद को करने वाला या देने वाला ही शंकर हैं। शिव को जानने के बाद कुछ शेष रह नहीं जाता इसी प्रकार मानकर सावन मास में शिव का पूजन पूरी विधि विधान से करना चाहिए। आगे पढ़ें श्रावण में कैसे करें पूजन-
श्रावण में कैसे करें पूजन-