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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 20 सितम्बर 2025 (14:05 IST)

Sarvapitri amavasya 2025: पितरों को विदा करने के अंतिम दिन करें ये विशेष उपाय, पुरखे होंगे तृप्त, मिलेगा आशीर्वाद

sarvapitri amavasya puja vidhi
Sarva pitru amavasya puja vidhi: पितृपक्ष का आखिरी दिन, सर्वपितृ अमावस्या, पितरों को विदा करने का एक महत्वपूर्ण और पवित्र अवसर है। यह वह दिन है जब उन सभी पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं है। माना जाता है कि इस दिन किए गए विशेष उपायों से पितर प्रसन्न होकर अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे अचूक उपाय, जिन्हें सर्वपितृ अमावस्या के दिन जरूर करना चाहिए।

1. सर्वपितृ अमावस्या पर पंचबलि का महत्व: सर्वपितृ अमावस्या पर 'पंचबलि' का विशेष महत्व है। इसका अर्थ है पाँच जीवों - गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चींटियों के लिए भोजन निकालना। यह भोजन पितरों को अर्पित करने से पहले उनके सम्मान में दिया जाता है। ऐसा करने से न केवल पितर तृप्त होते हैं, बल्कि इन जीवों के माध्यम से हम प्रकृति के प्रति भी अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

2. पीपल और तुलसी की पूजा: पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। सर्वपितृ अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करें। यह क्रिया पितरों को शांति प्रदान करती है। इसी तरह, तुलसी का पौधा भी अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर पितरों से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद माँगें।

3. इस दिशा में दीपक: घर का ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) देवताओं और पूर्वजों का स्थान माना जाता है। पितरों को विदा करने से पहले, सर्वपितृ अमावस्या की शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का एक दीपक जलाएं। इस दीपक में थोड़े से काले तिल भी डाल दें। यह उपाय घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाता है।

4. इन वस्तुओं का करें दान: हिंदू धर्म में दान को सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। सर्वपितृ अमावस्या पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। मान्यता है कि दान करने से पितर बहुत प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। यह दान पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है और दाता को पुण्य प्राप्त होता है।

5. ब्राह्मणों को भोजन और श्रद्धा: पितृपक्ष के आखिरी दिन, ब्राह्मणों को घर बुलाकर उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन कराना चाहिए। भोजन में पितरों की पसंदीदा चीजें शामिल करें। ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं और वे अपने परिवार को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

सर्वपितृ अमावस्या पितरों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का अंतिम अवसर है। इस दिन किए गए ये सरल लेकिन प्रभावी उपाय न केवल पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करते हैं, बल्कि आपके जीवन में भी खुशहाली और समृद्धि लाते हैं। पितरों का आशीर्वाद ही किसी भी परिवार के लिए सबसे बड़ा धन है।

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