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Last Updated : गुरुवार, 16 फ़रवरी 2023 (12:41 IST)

महाशिवरात्रि 2023 क्यों है इस बार खास, कौन से बन रहे हैं दुर्लभ योग?

महाशिवरात्रि 2023 क्यों है इस बार खास, कौन से बन रहे हैं दुर्लभ योग? - Mahashivratri shubh sanyog 2023
Mahashivratri shubh sanyog 2023 : फाल्गुन मास की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्र‍ि का महापर्व मनाया जाता है। अंग्रेजी माह के अनुसार इस बार यह पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा। इसी दिन वैद्यनाथ जयंती भी रहेगी। महाशिवरात्रि की पूजा प्रदोष काल में होती है। शुभ मुहूर्त और शुभ योग में भी पूजा कर सकते हैं। इस बार महाशिवरात्रि पर दुर्लभ योग संयोग बन रहे हैं।
 
महाशिवरात्रि पर बन रहे हैं दुर्लभ संयोग | Mahashivratri 2023 Shubh Sanyog:
 
दुर्लभ योग संयोग : महाशिवरात्रि का पर्व शनिवार के दिन रहेगा यानि शनि प्रदोष को यह पर्व मनाया जाएगा। उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और वरियान योग भी रहेगा। इसी दिन वाशी योग, सुनफा योग और शंख योग भी रहेगा।
 
निशीथ काल पूजा मुहूर्त : 24:09:26 से 25:00:20 तक रात्रि का आठवां मुहूर्त निशीथ काल कहलाता है। 
 
महाशिवरात्री पारण मुहूर्त : 06:57:28 से 15:25:28 तक 19, फरवरी को
 
शुभ मुहूर्त 18 फरवरी 2023- 
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:29 से 01:16 तक।
अमृत काल : दोपहर 12:02 से 01:27 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम को 06:37 से 07:02 तक।
Shubh Muhurta
शुभ योग 18 फरवरी 2023 :- 
 
सर्वार्थ सिद्धि योग- शाम 05:42 से अगले दिन प्रात: 07:05 तक। यानी सर्वार्थ सिद्धि योग में महाई जाएगी महाशिवरात्रि।
 
वरियान-  महाशिवरात्रि पर रात्रि 07 बजकर 35 मिनट से वरियान योग प्रारंभ होगा जो अगले दिन दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
 
ग्रह संयोग : इस दिन शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में, सूर्यदेव भी कुंभ, चंद्राम भी कुंभ में विराजमान रहेंगे। यानी त्रिग्रही योग का निर्माण होगा।
 
चतुर्दशी तिथि : फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी 2023 को रात 08 बजकर 05 पर प्रारंभ हो रही है और अगले दिन 19 फरवरी 2023 को शाम 04 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। यानी त्रयोदशी तिथि 18 तारीख को रात्रि 08 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी प्रारंभ होगी। महाशिवरात्रि का पर्व चार प्रहर में करने का विधान है। इसमें भी रात्रि के आठवें मुहूर्त का महत्व है। चूंकि चतुर्दशी तिथि 19 फरवरी की शाम को समाप्त हो रही है इसलिए महाशिवरात्रि 18 तारीख की रात्रि को ही मनाई जाएगी।