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Written By WD Feature Desk

शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा?

Mahashivratri 2024: शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा? - Maha shivratri Shiv Mantra
Shiv Mantra: भगवान शिवजी के कई मंत्र है लेकिन हमें कौनसा मंत्र जपना चाहिए या किस मंत्र से शिवलिंग की पूजा करना चाहिए यह सवाल सभी के मन में आता होगा। यहां पर शिवजी के कुछ खास मंत्र दिए जा रहे हैं जिसमें से एक मंत्र शिवजी को बहुत ही प्रिय है। महाशिवरात्रि और शिवरात्रि के दिन इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
1. शिव पंचाक्षरी मंत्र : ॐ शिवाय नम:।
 
महत्व : जिसके मन में यह मंत्र निरंतर रहता है वह शिवस्वरूप हो जाता है। भगवान शिव प्रत्येक मनुष्य के अंत:करण में स्थित अव्यक्त आंतरिक अधिष्ठान तथा प्रकृति मनुष्य की सुव्यक्त आंतरिक अधिष्ठान है। नम: शिवाय: पंचतत्वमक मंत्र है इसे शिव पंचक्षरी मंत्र कहते हैं। इस पंचक्षरी मंत्र के जप से ही मनुष्य संपूर्ण सिद्धियों को प्राप्त कर सकता है। सभी पूजा में भी शिवजी के इसी मंत्र का उपयोग करते हैं। 
शिवजी का प्रिय मंत्र तो ॐ और राम है लेकिन उनकी पूजा के लिए सबसे प्रिय मंत्र पंचाक्षरी मंत्र ही है। उल्लेखनीय है कि शिवजी के नाम के आगे श्री नहीं लगता है।
 
2. शिव महामृत्यंज मंत्र : ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
 
महत्व : यह अकाल मौत से बचाने वाला मंत्र है, परंतु इसे सिद्ध करने की जरूरत होती है। यह सभी प्रकार के भय से मुक्त भी करता है। यह लंबी आयु भी प्रदान करता है। 
 
3. शिवजी का रुद्र मंत्र : ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः।
 
महत्व : यह शिव जी का रूद्र मंत्र है। शिवजी प्रारंभ में रुद्र रूप में प्रकट हुए थे। रुद्र साक्षात महाकाल है। यज्ञ, अनुष्ठान और पूजा में इस मंत्र का प्रयोग करते हैं। इससे व्यक्ति की हर तरह की मनोकामना और इच्छा पूर्ण होती है।
4. शिवजी का गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
 
महत्व : शिवजी की साधना और ध्यान करने के लिए यह मंत्र भी बहुत ही प्रभावशाली मंत्र है। यह आर्थिक समस्या को दूर करके सुख समृद्धि प्रदान करता है।
 
5. पशुपति शिव का मंत्र:  ऊं पषुप्ताय नमः 
 
महत्व : इस मंत्र का जाप करने से महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।