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Written By नृपेंद्र गुप्ता
Last Updated : गुरुवार, 3 अगस्त 2023 (13:28 IST)

क्या मणिपुर और हरियाणा में भड़की हिंसा से आई शेयर बाजार में गिरावट? जानिए क्या हैं कारण

effect of violence on share market
Share market News : मणिपुर के बाद हरियाणा में भड़की हिंसा के बीच पिछले 3 दिनों से भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है। सेंसेक्स में 1000 से ज्यादा अंकों की गिरावट हुई जबकि निफ्टी भी 300 से ज्यादा गिर चुका है। भले ही गिरावट की वजह मुनाफा वसूली को बताया जा रहा हो लेकिन बाजार में गिरावट की असली वजह FII और FDI है। 
 
शेयर बाजार पर राजनीति का बड़ा असर पड़ता है। जब हरियाणा जैसे विकसित राज्य के मुख्‍यमंत्री खट्टर कहते हैं कि पुलिस सबकी सुरक्षा नहीं कर सकती। हरियाणा की 2 करोड़ 70 लाख आबादी पर हमारी पुलिस कितनी है? 50-60 हजार। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में बहुत सी मल्टिनेशनल कंपनियों के दफ्तर और कई बड़ी कंपनियों की प्रोडक्शन यूनिट हैं। बहरहाल मुख्यमंत्री के इस तरह के बयानों का विदेशी निवेशकों पर नकारात्मक असर पड़ता है। मणिपुर से आ रही डराने वाली खबरें भी निवेशकों को भारतीय बाजारों से दूर करती है। जब माहौल अच्छा होता है तो निवेशक बाजार की ओर आकर्षित होते हैं वहीं नकारात्मक माहौल या क्षेत्र में अराजकता की स्थिति में वे पैसा निकाल लेते हैं।
 
वहीं शेयर बाजार एक्सपर्ट मनोज गुप्ता ने बताया कि पहले इस तरह की घटनाओं का बाजार पर काफी असर पड़ता था। लेकिन फिलहाल इन दंगों का कोई असर नहीं है। मार्केट डल है लेकिन इस पर लोगों को कॉन्फिडेंस बना हुआ है। बाजार अभी अच्छा है। निवेशक जमकर निवेश कर रहे हैं। सेबी की ट्रांसपरेंसी से बाजार में लोगों का फेथ बढ़ा है। बाजार में मोबाइल के बढ़ते उपयोग से भी निवेशकों को काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि बाजार में गिरावट का दौर जल्द ही थम जाएगा।
  
जबकि शेयर बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल के अनुसार मणिपुर और हरियाणा में स्थिति खराब है। FII भारत में प्रॉफिट के लिए निवेश करते हैं। देश में कई स्थानों पर तनावपूर्ण स्थिति की वजह से निवेशक निवेश से बिचकते हैं और बाजार पर इसका नकारात्मक असर होता है।
 
उन्होंने कहा कि जॉबलैस क्लेम और अनइमप्लायमेंट क्लेम के डाटा में डिफरेंस आ रहा है। डॉलर बढ़ता है तो बाजार नीचे जाता है। क्रूड ऑयल वापस बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल आ गया। कंपनियों की रिजल्ट आ रहे हैं। इस वजह से बाजार में वाल्यूम नहीं बन पा रहा है। बाजार करेक्शन ले रहा है। जब निवेशक निवेश करता है तो कई चीजे देखता है। 
 
बाजार विशेषज्ञ योगेश अग्रवाल ने बताया कि रेटिंग एजेंसी फिंच ने अमेरिका की रेटिंग घटाई। FII की सेलिंग, प्रॉफिट बुकिंग का बाजार पर असर दिखाई दे रहा है। अगर निफ्टी 19400 से नीचे बंद हुई तो 18,800 तक आ सकता है। सेंसेक्स में भी 1000 से 1500 अंकों की गिरावट आ सकती है।
 
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार पर हिंसा का नकारात्मक असर होता है। हालांकि वे कहते हैं कि फिलहाल मणिपुर और हरियाणा में भड़की हिंसा के शेयर बाजार पर असर का आंकलन करना जल्दबाजी होगी। 
 
बाजार पर इन फैक्टर्स का भी असर : भारतीय शेयर बाजार पर राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर होने वाली घटनाओं का सीधा असर पड़ता है। RBI, SEBI, मानसून, कंपनियों के परिणाम, सोना चांदी, क्रूड ऑयल, डॉलर की कीमतें भी बाजार को प्रभावित करती है। युद्धकाल, प्राकृतिक आपदाएं, आतंकी हमले भी शेयर बाजार पर नकारात्मक असर डालते हैं।
 
यदि निवेशक अधिक जोखिम ले रहे हैं तो स्टॉक की कीमतें बढ़ेंगी। दूसरी ओर, यदि निवेशक अधिक संयमित हों, जोखिम के बजाय सुरक्षा को चुनें, तो शेयर की कीमतें नीचे आ जाएंगी। जो भी हो भारत में बढ़ते सांप्रदायिक वैमनस्य और हिंसा की घटनाएं दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह में बड़ी चुनौती बन सकती है।  
 
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