शनि जयंती व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। शनि देव सूर्य पुत्र है। ज्योतिष में इन्हे न्याय तथा मृत्यु का देवता माना जाता है। इनका वर्ण काला है यही कारण इनको काला रंग बहुत ही पसंद है। ज्योतिष में इनको तीसरी सप्तम तथा दशम दृष्टि दी गई है। आइए जानिए एक नजर में शनिदेव का परिचय...
1. श्री शनिदेव के पिताश्री- श्री सूर्यनारायण
2. मातोश्री- छायादेवी-सुवर्णा
3. भाई- यमराज
4. बहन- यमुनादेवी
5. गुरु- शिवशंकर
6. जन्मस्थल- सौराष्ट्र, गुजरात
7. गौत्र- कश्यप
8. रंग- सांवला
9. स्वभाव- त्यागी, तपस्वी, दृष्टि, गुस्सैल गंभीर, स्पष्टभावी, एकांत, न्यायप्रिय आदि।
10. दोस्त- हनुमान, कालभैरव, बालाजी।
11. विपुल नाम- छायासुत, सूर्यपुत्र, कोणस्थ, पिंगलो, बभ्रू़, रौद्रांतक, सौरि, शनैश्चर, कृष्णमंद, कृष्णो आदि।
12. दोस्त ग्रह- गुरु, शुक्र, राहु, बुध
13. प्रिय नक्षत्र- पुष्य, अनुराधा, उत्तरा, भाद्रपद
14. दोस्त राशि- वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला
15. प्रिय राशि- मकर, कुंभ
16. शनि की उच्च राशि- तुला
17. नीच राशि- मेष
18. शनि का क्षेत्र- पेट्रोलियम, लौह, इस्पात, उद्योग, प्रेस, मेडिकल, कारखाना, कोयला, चमड़ा, न्यायालय, ट्रांसपोर्ट आदि।
-कैलाश गुप्ता