गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. रोमांस
  3. प्रेम-गीत
  4. Love Poem

Love Poem : तुम शीतल छांव हो

Love Poem : तुम शीतल छांव हो - Love Poem
चाहे कितना भी तुम मना करो,
मान भी जाओ कि तुम मेरी हो।
तपते जीवन की धूपों में,
तुम शीतल छांव घनेरी हो।
 
सब रिश्तों से फुरसत,
मिल जाए तो।
आ जाना जल्दी से,
ऐसा न हो देरी हो।
 
रूह के रास्ते पर,
हम-तुम खड़े हुए।
अब न रुकना तुम,
चाहे रात अंधेरी हो।
 
देह तुम्हारी बंटी,
हुई है रिश्तों में।
कई जन्मों तक रूह,
सदा से मेरी हो।
 
अब इतना भी तुम,
मुझको न तरसाओ।
तुम मेरे प्यार की,
जीत सुनहरी हो।
ये भी पढ़ें
क्‍या आप प्र‍ियंका गांधी की ‘लव स्‍टोरी’ के बारे में जानते हैं?