रोमांटिक कविता : बड़ी भूल कर दी दिल में बसा के...
शम्भू नाथ
बड़ी भूल कर दी।।
दिल में बसा के।।
तुमने तो दिल में।।
खंजर चला दी।।
सजाया था ख्वाबों में।।
सुंदर सी बगिया।।
तुमने तो बागों को।।
बंजर बना दी।।
मेरे हुस्न की खूब।।
तारीफ करके।।
संग में सिमटकर।।
तुमने दगा दी।।
लगा दाग चूनर में, कैसे मिटाऊं।।
तुमने तो हमको।।
कलंकित बना दी।।
बातों में फंसकर।।
हमने तुम्हारे।।
दिल में क्यों अपने।।
तुमको जगह दी।।
कौन बड़ी गलती।।
किया हमने जानम।।
तूने क्यों महंगी।।
हमको सजा दी।।