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Written By WD Feature Desk
Last Modified: गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025 (13:12 IST)

शेगांव के श्री गजानन महाराज समाधि मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

शेगांव के श्री गजानन महाराज समाधि मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी - shegaon gajanan maharaj mandir
- हरिश शाह
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के शेगांव में गजानन महाराज की समाधि है। समाधि स्थल पर प्रतिदिन लगभग 25 से 30 हजार लोग दर्शन करने आते हैं। मान्यता है कि भारत में एकमात्र ऐसा समाधि स्थल है जहां किसी भी वीआईपी के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। सभी को लाइन में खड़े रहकर ही दर्शन करना होंगे। शायद तभी वीआईपी लोग गजानन महाराज के दरबार में कम ही जाते हैं। मान्यता अनुसार 8 सितंबर 1910 प्रात: 8 बजे गजानन महाराज जे शेगांव में समाधि ले ली।ALSO READ: शेगांव के श्री गजानन महाराज के बारे में 5 रोचक बातें
  1. जहां बाबा ने समाधि ली थी वहां आज एक विशाल मंदिर है। शेगाँव में 1908 में गजानन महाराज ट्रस्ट की स्थापना की गई। 
  2. यह मंदिर काफी विशाल परिसर में बना है तथा महाराज की सामधि के दर्शन करने के लिए लंबी कतर लगती है।
  3. मंदिर परिसर में गजानन महाराज की प्रतिमा के अलावा समाधि स्थान, पादुका, महाराज का चिमटा, औजार, चिलम पीने का स्थान (जो आज भी गर्म रहता है) और प्राचीन हनुमान प्रतिमा मौजूद है। मंदिर में व्यवस्था काफी अच्छी रखी गई है।
  4. बहुत से सेवक अनुशासनबद्ध तरीके से मंदिर की व्यवस्था को बनाए रखने में जुटे दिखाई देते हैं।
 
आनंद सागर: मुख्य मंदिर से करीब 2 किलोमीटर स्थित है आनंद सागर। यह भी गजानन महाराज ट्रस्ट का ही उद्यान, आध्यात्मिक स्थल व ध्यान केंद्र है। 325 एकड़ के क्षेत्र में बसे आनंद सागर सुंदर, सुसज्जित, प्राकृतिक स्थल से परिपूर्ण है जिसमें करीब 50,000 अलग-अलग प्रकार के वृक्ष, विभिन्न प्रकार के फूल और हजारों लताएँ हैं। इसमें 50 एकड़ क्षेत्र में एक विशाल तालाब बनाया गया है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। तालाब के मध्य में टापू नुमा स्थान पर ध्यान केंद्र बनाया गया है, जो विवेक आनंद केंद्र (कन्याकुमारी) का प्रतिरूप है।
 
बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसलपट्टियां और रेलगाड़ी है जो कि संपूर्ण क्षेत्र का भ्रमण कराती है। इसके अलावा म्यूजिकल फाउंटेन, फिश म्युजियम और बहुत से छोटे-बड़े मंदिर हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं। संपूर्ण क्षेत्र का भ्रमण करने के लिए 3 से 4 घंटे का समय लगता है। ध्यान केंद्र तक जाने के लिए पैदल रास्ते के अलावा वॉटर बोट की व्यवस्था भी है। कुल मिलाकर यह एक बहुत ही सुंदर, रमणिक व आध्यात्मिक स्थान है।
 
इस क्षेत्र की प्रमुखता है, इसका रखरखाव जो देखते ही बनता है। हर 10 कदम पर गजानन महाराज ट्रस्ट का एक सेवक उद्यान की स्वच्छता का ध्यान रखने हेतु उपस्थित रहता है। उद्यान में पीने के स्वच्छ पानी की नि:शुल्क व अल्पाहार, भोजन आदि की उचित व्यवस्था शुल्क पर है।
 
नंदुरा के हनुमान और लोणार झील : इसके अलवा शेगाँव से 50 किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है नंदुरा के हनुमान की प्रतिमा जो कि करीब 100 फुट ऊँची है। नंदुरा शेगाँव से जलगाँव की ओर जाते समय खामगाँव से कुछ किलोमीटर आगे आता है। मूर्ति दर्शन हेतु गाँव में अंदर जाने की आवश्यकता नहीं है। हाईवे पर ही सड़क के किनारे मूर्ति स्थापित है। शेगांव के पास ही चिखली है जहां से लोणार झील का एक रास्ता जाता है। यह विशालकाय झील किसी उल्कापिंड के गिरने से बनी थी।
 
यहां पहुंचने के लिए: -
सड़क मार्ग : सड़क मार्ग से भी यह भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़ा है।
रेल मार्ग : शेगांव में रेल्वे स्टेशन है। मध्य रेल्वे का यह रेल्वे स्टेशन मुंबई-कोलकाता रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। महाराष्ट्र एक्सप्रेस, विधर्व एक्सप्रेस, नवजीवन एक्सप्रेस और हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस कुछ खास ट्रेनें हैं जो शेगांव से होकर गुजरती है।
हवाई मार्ग : यहां के सबसे निकटतम हवाई अड्डा औरंगाबाद में है जहां से शेगांव लगभग 170 कि.मी दूर है।