Shree Gajanan Maharaj: श्री गजानन महाराज भारत तथा महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध संतों में से एक महान संत है। गजानन महाराज एक ऐसे संत थे जिनके जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। उनका जन्म, माता-पिता, और बचपन के बारे में कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है। गजानन महाराज के चमत्कारों और उनकी दिव्य लीलाओं ने उन्हें एक महान संत का दर्जा दिलाया। कहा जा सकता हैं कि गजानन महाराज का प्राकट्य यानि उनका जन्म कब हुआ, उनके माता-पिता कौन थे, इस बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं।
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1. गजानन महाराज का जीवन परिचय : गजानन महाराज पहली बार 23 फरवरी, 1878 तथा महाराष्ट्र के पंचांग कैलेंडर की तिथिनुसार माघ कृष्ण सप्तमी को महाराष्ट्र के शेगांव में एक युवा के रूप में देखे गए थे। दो व्यक्तियों, बनकट लाला और दामोदर ने उन्हें एक झूठी पत्तल से चावल खाते हुए और 'गं गं गणात बूते' मंत्र का जाप करते हुए देखा। इसी मंत्र के कारण उनका नाम गजानन पड़ा।
2. गजानन महाराज की शिक्षाएं: गजानन महाराज ने कभी किसी से कुछ नहीं मांगा और हमेशा सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत किया। उनके उपदेशों में भक्ति, प्रेम और मानवता का संदेश होता है। वे हमेशा लोगों को निस्वार्थ सेवा करने और भगवान पर विश्वास रखने की प्रेरणा देते थे।
3. गजानन महाराज के चमत्कार: गजानन महाराज ने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार किए। उन्होंने बीमारों को ठीक किया, भूखों को भोजन खिलाया और संकटों से भक्तों की रक्षा की। उनके चमत्कारों की कहानियां आज भी प्रचलित हैं और लोगों को प्रेरित करती हैं।
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4. गजानन महाराज के कार्य : गजानन महाराज के विचारों और शिक्षाओं ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। उनके द्वारा किए गए चमत्कारों ने लोगों को भगवान पर विश्वास करने और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है। गजानन महाराज की विरासत आज भी उनके भक्तों द्वारा आगे बढ़ाई जा रही है।
5. गजानन महाराज की समाधि: गजानन महाराज ने 08 सितंबर, 1910 को भाद्रपद शुक्ल पंचमी के दिन समाधि ली। उनकी समाधि महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के शेगांव में स्थित है, जो आज भी लाखों भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो आज एक विशाल मंदिर है। गजानन महाराज चमत्कारी महापुरुष थे तथा उनके कई चमत्कारों को भक्तों ने प्रत्यक्ष देखा है।
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