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लव कुश जयंती कब है? जानें श्री राम के पुत्रों के बारे में 10 रोचक बातें

लव कुश जयंती कब है? जानें श्री राम के पुत्रों के बारे में 10 रोचक बातें - Luv kush jayanti 2023 date
Luv Kush Jayanti 2023: भगवान श्रीराम के पुत्र लव और कुश दोनों जुड़वा भाई थे। उनका जन्म वाल्मीकि ऋषि के आश्रम में हुआ था। वाल्मीकि रामायण में प्रभु श्रीराम के पुत्र लव और कुश की गाथा कर वर्णन किया गया है। श्रावण मास की पूर्णिमा को लव कुश का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन उनकी जयंती मनाई जाती है। इस दिन रक्षा बंधन का पर्व भी रहता है।
 
  1. माता सीता अयोध्या के महल को छोड़कर आश्रम में रहती थीं। लव और कुश का जन्म वाल्मीकि आश्रम में हुआ था। वाल्मीकि आश्रम में सीता ने लव और कुश नामक 2 जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।
  2. लव और कुश की पढ़ाई-लिखाई से लेकर विभिन्न कलाओं में निपुण होने के पीछे महर्षि वाल्मीकि का ही हाथ था। उन्होंने ही दोनों राजकुमारों को हर तरह की शिक्षा और विद्या में परंगत किया।
  3. महर्षि वाल्मीकि ने लव और कुश को रामायण भी पढ़ाई थी।
  4. कहते हैं कि लव और कुश को बहुत समय तक यह ज्ञात नहीं था कि उनके पिता प्रभु श्रीराम हैं।
  5. कहते हैं कि एक बार श्रीराम ने अश्वमेध यज्ञ किया और यज्ञ का श्वेत अश्व (घोड़ा) छोड़ दिया। यह घोड़ा भटकते हुए जंगल में आ गया। वहां लव और कुश ने इसे पकड़ लिया। घोड़ा पकड़ने का अर्थ है अयोध्या के राजा को चुनौती देना।
  6. राम को जब यह पता चला कि किन्हीं सुकुमारों ने घोड़ा पकड़ लिया है और वे घोड़ा छोड़ने को तैयार नहीं है और वे चुनौती दे रहे हैं तो श्रीराम के भाइयों भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण के साथ लव-कुश का युद्ध हुआ लेकिन सभी भाई पराजित होकर लौट आए। यह देखकर श्रीराम को खुद ही युद्ध करने आना पड़ा लेकिन युद्ध का कोई परिणाम नहीं निकला। तब राम ने दोनों बालकों की योग्यता देखते हुए उन्हें यज्ञ में शामिल होने का निमंत्रण दिया।
  7. लड़ाई के बाद लव और कुश को यह पता चला कि श्रीराम तो उनके पिता हैं। फिर श्रीराम के निमंत्रण पर नगर में पहुंचकर लव और कुश ने श्रीराम की गाथा का गुणगाण किया और दरबार में उन्होंने माता सीता की व्यथा कथा गाकर सुनाई। यह सुन और देखकर प्रभु श्रीराम को ये पता चला गया कि लव और कुश उनके ही बेटे हैं। उन्हें तब बहुत दु:ख हुआ और वे सीता को पुन: राज महल ले आए।
  8. लव और कुश राम तथा सीता के जुड़वां बेटे थे। जब राम ने वानप्रस्थ लेने का निश्चय कर भरत का राज्याभिषेक करना चाहा तो भरत नहीं माने। अत: दक्षिण कोसल प्रदेश (छत्तीसगढ़) में कुश और उत्तर कोसल में लव का राज्य अभिषेक किया गया।
  9. श्रीराम के काल में भी कोशल राज्य उत्तर कोशल और दक्षिण कोसल में विभाजित था। कालिदास के रघुवंश अनुसार राम ने अपने पुत्र लव को शरावती का और कुश को कुशावती का राज्य दिया था। शरावती को श्रावस्ती मानें तो निश्चय ही लव का राज्य उत्तर भारत में था और कुश का राज्य दक्षिण कोसल में। कुश की राजधानी कुशावती आज के बिलासपुर जिले में थी। कोसला को राम की माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है। रघुवंश के अनुसार कुश को अयोध्या जाने के लिए विंध्याचल को पार करना पड़ता था इससे भी सिद्ध होता है कि उनका राज्य दक्षिण कोसल में ही था।
  10. राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ जिनमें बर्गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला। इसकी दूसरी शाखा थी सिसोदिया राजपूत वंश की जिनमें बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) वंश के राजा हुए। कुश से कुशवाह (कछवाह) राजपूतों का वंश चला।
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