इंदौर पहुँचा दशम गुरु का पलंग
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हरकृष्ण शर्मा स्थानीय इमली साहिब गुरुद्वारे के बाहर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई थी, उस पलंग की एक झलक पाने के लिए, जिस पर कभी सिखों के दश्म गुरु श्रीगोबिंद सिंह जी विश्राम किया करते थे। ये दुर्लभ पलंग यहाँ सिख समुदाय के लिए दशम गुरु से संबंधित होने के कारण बहुत महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि यह पलंग दो समुदायों (सिख-मुस्लमान) के बीच सद्भावना का प्रतीक भी है।जोधपुर के गुरुद्वारा साहिब से नांदेड़ (महाराष्ट्र) साहिब तक की यात्रा कर स्थानीय गुरुद्वारा इमली साहिब में कल देर रात्रि पहुँचे इस दुर्लभ पलंग को देखने के लिए गुरुवार सुबह से ही गुरुद्वारा साहिब के बाहर भीड़ उमड़ी हुई थी।इस बाबत जानकारी देते हुए गुरुद्वारा इमली साहिब की गुरुसिंह सभा के प्रवक्ता रघुवीर सिंह ने बताया कि इस पलंग को 300 साला दिवस के मौके पर जोधपुर से नांदेड़ साहिब भेजा गया था, ताकि वहाँ पर संगत इस दुर्लभ पलंग के दर्शन कर सके।उन्होंने बताया कि अब इस पलंग को वापिस जोधपुर के गुरुद्वारा साहिब में भेजा जा रहा है, जहाँ पर कभी दशम गुरू को एक मुस्लिम व्यक्ति ने यह भेंट स्वरूप दिया था। गुरुवार रात दस बजे तक श्रद्धालु इस पलंग के दर्शन का लाभ ले सकते हैं।