मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Uddhav Thakre
Written By
Last Modified: मुंबई , रविवार, 28 जनवरी 2018 (13:56 IST)

चुनाव अकेले लड़ने के शिवसेना के फैसले से गठबंधन में दरार

चुनाव अकेले लड़ने के शिवसेना के फैसले से गठबंधन में दरार - Uddhav Thakre
मुंबई। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार शिवसेना के साल 2019 का चुनाव अकेले लड़ने का फैसला राज्य में अपनी खोई चुनावी जमीन को वापस हासिल करने के फैसले से भाजपा के साथ इसके गठबंधन में दरार पैदा होने की संभावना है।
 
 
उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली पार्टी का मानना है कि उसकी सहयोगी भाजपा का इस देश में समर्थन कम हो रहा है और वह देवेन्द्र फड़णवीस सरकार की 'विफलताओं' को अकेले चुनाव में जाकर लाभ उठाना चाहती है।
 
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस फैसले की वजह से दोनों पार्टियों के बुनियादी मतदाताओं में बिखराव होगा और इससे विपक्षी पार्टियों कांग्रेस और राकांपा के लिए संभावनाएं खुलेंगी और भाजपा को इससे कड़ी चुनौती मिलेगी। शिवसेना ने पिछले सप्ताह आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अपनी बैठक में प्रस्ताव पारित किया था कि वह साल 2019 का लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। राज्य में शिवसेना भाजपा की कनिष्ठ सहयोगी पार्टी है।
 
शहर के ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष सुधीन्द्र कुलकर्णी ने बताया कि राज्य की राजनीति बहुत ही ज्यादा अस्थायी, अनिश्चित और सिद्धांतविहीन होने जा रही है। लंबे समय तक साथ रहने वाले दो भगवा सहोगियों के अलग होने से महाराष्ट्र की राजनीति और बहुकोणीय हो जाएगी।
 
कुलकर्णी ने कहा कि राजनीति में चतुष्कोणीय मुकाबले (कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना और भाजपा) की वजह से राज्य काफी प्रभावित हुआ है। यहां तक कि दो प्रतिद्वंद्वी गठबंधन (शिवसेना-भाजपा और कांग्रेस-राकांपा) भी सम्मिश्रित तरीके से नहीं रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश बल जोशी ने कहा कि भाजपा के बढ़ते प्रभाव की वजह से शिवसेना में असुरक्षा की भावना आ गई है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
वरुण गांधी ने संपन्न सांसदों से की यह अपील...