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Last Updated :मुंबई , मंगलवार, 4 मार्च 2025 (22:48 IST)

सरपंच हत्या के मुख्य आरोपी कराड ने बीड में दबदबा कायम रखने के लिए गिरोह बनाए थे : आरोप-पत्र

सरपंच हत्या के मुख्य आरोपी कराड ने बीड में दबदबा कायम रखने के लिए गिरोह बनाए थे : आरोप-पत्र - Santosh Deshmukh, Valmik Karad, Dhananjay Munde
सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे का करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड ने बीड जिले में अपना दबदबा बनाए रखने और विकास परियोजनाओं से पैसे ऐंठने के लिए कई आपराधिक गिरोह बनाए हुए थे। राज्य अपराध अन्वेषण विभाग (CID) ने आरोप-पत्र में यह जानकारी दी।
आरोपपत्र में एक गुप्त गवाह के हवाले से कहा गया कि रकम नहीं देने पर कराड या तो पीड़ितों का अपहरण कराता था या उन पर हमला कर परेशान करता था। यह गवाह जांच एजेंसी के जांच अधिकारी के समक्ष पेश हुआ था। देशमुख की हत्या और 2 संबंधित मामलों में पिछले सप्ताह बीड जिले की एक अदालत में दायर किए गए आरोपपत्र में 5 गुप्त गवाहों के बयान का उल्लेख है। इनमें एक मामला जबरन वसूली का है।
 
बीड के मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल 9 दिसंबर को कथित तौर पर जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश करने पर अगवा कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया था। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।
 
कराड सहित 7 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है और उन पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है। कराड के अलावा गिरफ्तार अन्य आरोपियों में सुदर्शन घुले, विष्णु चाटे, जयराम चाटे, महेश केदार, सिद्धार्थ सोनवणे, सुधीर सांगले और प्रतीक घुले शामिल हैं। कृष्णा आंधले इस मामले में वांछित आरोपी है।
 
अन्य के अलावा दस्तावेज में जिन 5 गुप्त गवाहों के नाम नहीं हैं, उन्होंने जांचकर्ताओं को मुंडे के गृह क्षेत्र बीड जिले में कराड और उनके सहयोगियों की आपराधिक गतिविधियों के बारे में बताया। गुप्त गवाहों ने जिले में कराड और उसके साथियों की अवैध गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अपने बयान में एक गुप्त गवाह ने सीआईडी ​​को बताया कि कराड ने जिले को अपनी जागीर समझ रखा था, जहां वह अपना दबदबा बनाए रखने के लिए बल प्रयोग करता था और गिरोह बनाए हुए थे।
 
गवाह ने अपने बयान में कहा कि कराड ने इन गिरोहों का इस्तेमाल करके जिले पर अपना दबदबा बनाया हुआ था। वह जिले में काम कर रही विभिन्न कंपनियों से जबरन वसूली भी करता था। अगर कोई कंपनी जबरन वसूली की रकम नहीं देती तो गिरोह के सदस्य उसका काम बंद कर देते थे। कराड और उसके साथियों ने डर का माहौल बनाया हुआ था जिसके कारण बहुत कम लोग ही शिकायत के लिए आगे आ पाते थे।
 
आरोपपत्र में उल्लेख किया गया है कि कराड के पास 5 महंगी कारें, 2 भारी वाहन और एक जेसीबी मशीन के अलावा अन्य संपत्तियां हैं। कभी-कभी गिरोह की गतिविधियों का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किए जाते थे। जनवरी में कराड की गिरफ्तारी के बाद बीड जिले के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। गवाह ने बयान में बताया कि ए विरोध-प्रदर्शन इन गिरोहों के सदस्यों द्वारा ही कराए गए। (भाषा)