संपत्ति के लिए अपूर्वा ने की रोहित की हत्या, वैवाहिक जीवन में कलह से थी परेशान
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि तनावपूर्ण वैवाहिक जीवन, संपत्ति और राजनीतिक करियर की महत्वाकांक्षा पूरी नहीं होने जैसे मुद्दों को लेकर अपूर्वा ने अपने पति रोहित शेखर तिवारी की हत्या कर दी थी।
उन्होंने कहा कि अपूर्वा अपने पति की एक महिला रिश्तेदार को पसंद नहीं करती थी। घटना वाले दिन रोहित और उस रिश्तेदार के एक साथ शराब पीने को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ था। इसी दौरान उसने गुस्से में रोहित का गला घोंट दिया।
रोहित की मां उज्ज्वला और उस रिश्तेदार का मानना था कि दोनों को अपनी शादी समाप्त कर देनी चाहिए और इस संबंध में जून में कोई फैसला होना था।
अधिकारी ने कहा कि 35 वर्षीय वकील अपूर्वा और रोहित शेखर की मुलाकात 2017 में एक वैवाहिक वेबसाइट के माध्यम से हुई थी और मई 2018 में दोनों ने शादी कर ली। अपूर्वा को पता था कि रोहित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी के पुत्र हैं। अपूर्वा को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।
पूछताछ के दौरान अपूर्वा ने दावा किया कि वह इंदौर में नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस की अध्यक्ष थी और उसकी राजनीतिक आकांक्षाएं थीं। लेकिन मई में रोहित शेखर से शादी करने के कुछ समय बाद उसने महसूस किया कि उसका राजनीतिक करियर आगे नहीं बढ़ रहा है।
अधिकारी ने कहा कि शादी के 14-15 दिनों के भीतर ही वह घर से दूर रहने लगी। कभी-कभी, वह अपने माता-पिता के यहां रहती और कभी-कभी दक्षिण दिल्ली में किराए के एक मकान में रहती थी।
जांच से जुड़े अधिकारी ने कहा कि जुलाई में, जब रोहित बाईपास सर्जरी करा रहे थे और एक अस्पताल में भर्ती थे तो अपूर्वा ने उन्हें कानूनी नोटिस दिया था जिसमें कहा गया था कि वह उनके साथ नहीं रहना चाहतीं। लेकिन दोनों परिवारों ने दोनों को साथ बिठाकर उनकी काउंसलिंग की और उन्हें सलाह दी।