पश्चिमी सिंहभूम में पत्थलगड़ी समर्थकों ने की 7 ग्रामीणों की हत्या, शव बरामद
रांची। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में घोर नक्सल प्रभावित गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों ने पत्थलगड़ी का विरोध करने वाले एक पंचायत प्रतिनिधि समेत 7 ग्रामीणों की लाठी, डंडों और टांगी से हमला कर नृशंस हत्या कर दी, जबकि कम से कम 2 ग्रामीण लापता बताए जा रहे हैं।
झारखंड पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक, अभियान एवं राज्य पुलिस के प्रवक्ता साकेत कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि लापता बताए जा रहे 9 ग्रामीणों में से 7 के शव बरामद कर लिए गए हैं। अन्य 2 का पता नहीं चल सका है।
सिंह ने बताया कि पुलिस को मंगलवार को वारदात की सूचना मिली। इसके आधार पर पुलिस दल मंगलवार को देर रात मौके पर पहुंचा। बुधवार को गांव से 4 किलोमीटर दूर जंगल से पंचायत प्रतिनिधि समेत 7 ग्रामीणों के जीर्णशीर्ण शव बरामद किए गए।
एक सवाल के जवाब में पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि ग्रामीणों की हत्या लाठी, डंडे और टांगी-फरसे से नृशंस तरीके से की गई है। कई लोगों के शव तो पहचाने जाने लायक ही नहीं हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस को घटना की सूचना मंगलवार को प्राप्त हुई, जिसके बाद मौके पर पुलिस दल को रवाना किया गया था।
इस बीच स्थानीय लोगों ने बताया पत्थलगड़ी समर्थकों ने गांव में स्थानीय ग्रामीणों के साथ रविवार को बैठक आयोजित की थी, जिसमें पत्थलगड़ी समर्थकों ने पत्थलगड़ी का विरोध करने पर गांव के एक उप मुखिया सह पंचायत प्रतिनिधि जेम्स बूढ़ और 5-6 ग्रामीणों की लाठी डंडों से जमकर पिटाई की।
भयभीत होकर जब अन्य ग्रामीण वहां से भाग गए तो कथित तौर पर पत्थलगड़ी समर्थक 9 लोगों को उठाकर जंगल ले गए। उन्होंने बताया कि जब रविवार को लापता ग्रामीण अपने गांव नहीं लौटे तो उनके परिजनों ने सोमवार को गुदड़ी थाने में घटना की शिकायत की। गांववालों ने बताया कि इस बीच पुलिस को जंगल से कुछ राहगीरों द्वारा मंगलवार की शाम 7 लोगों की हत्या की सूचना मिली।
पूर्व रघुवर सरकार ने राज्य में पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ 2018 में सख्त कार्रवाई की थी और इसके नेताओं की बड़े पैमाने पर धरपकड़ कर उनके खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने और संविधान की अवहेलना करने के आरोप में देशद्रोह के भी मुकदमे दर्ज करवाए थे। राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार के गठन के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पत्थलगड़ी समर्थकों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने का फैसला राज्य सरकार ने लिया था।
सिंह ने कहा कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। फिलहाल अधिकतर ग्रामीण गांव से भागे हुए हैं। कुछ पुलिस के संपर्क में आए हैं, लेकिन वह अधिक कुछ जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। मौके पर स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल की टुकड़ी भी भेजी गई है।