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Last Modified: रांची , बुधवार, 27 जून 2018 (14:38 IST)

पत्थलगड़ी समर्थकों को पुलिस ने खदेड़ा, सांसद के आवास से अपहृत तीन सुरक्षाकर्मियों का पता नहीं

पत्थलगड़ी समर्थकों को पुलिस ने खदेड़ा, सांसद के आवास से अपहृत तीन सुरक्षाकर्मियों का पता नहीं - Pathalgadi protesters
चित्र सौजन्य : फाइल फोटो 
 रांची। झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 40 किलोमीटर दूर खूंटी जिले में स्थानीय सांसद करिया मुंडा के 
र हमला बोलकर मंगलवार को उनके 3 अंगरक्षकों को हथियार समेत अपहृत करने वाले पत्थलगड़ी समर्थकों पर आखिरकार बुधवार तड़के पुलिस प्रशासन ने आंसू गैस के गोले छोड़ेेे। पारंपरिक हथियारों और ईंट-पत्थर से हमले कर रहे लोगों पर जब पुलिस ने लाठीचार्ज प्रारंभ किया तो मौके से अधिकतर ग्रामीण भाग निकले लेकिन पुलिस को अपने अपहृत सिपाहियों का अब तक पता नहीं चल सका है।
 
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता अपर पुलिस महानिदेशक आरके मलिक ने बताया कि खूंटी के घाघरा  में पुलिस और प्रशासन ने रातभर ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया लेकिन उनके न  मानने और अपहृत जवानों को रिहा न करने पर पुलिस ने बुधवार को तड़के कार्रवाई प्रारंभ की  और अभी कार्रवाई जारी है और क्षेत्र में पत्थलगड़ी की आड़ में गुंडागर्दी कर रहे लोगों पर नकेल  कसी जाएगी तथा कानून का राज कायम किया जाएगा।
 
उन्होंने बताया कि पुलिस की कार्रवाई जारी है और जल्द ही स्थिति नियंत्रण में होगी। मौके पर  भारी संख्या में सशस्त्र पुलिस बल और खूंटी के पुलिस अधीक्षक तथा उपायुक्त मंगलवार शाम से  स्वयं उपस्थित हैं। पुलिस ने मंगलवार को जब पत्थलगड़ी के स्वयंभू नेता यूसुफ पूर्ति के खिलाफ  गिरफ्तारी वारंट तामील करने की कार्रवाई प्रारंभ की तभी लोगों ने विरोध करने की कोशिश की।  पूर्ति तो भारी संख्या में पुलिस बल देख मौके से फरार हो गया लेकिन उसके घर के एक सामान  की कुर्की-जब्ती की गई।
 
मलिक ने बताया कि उसके भड़काने पर पत्थलगड़ी समर्थक कुछ और गुंडों ने घाघरा इलाके में  मंगलवार को पत्थलगड़ी की कोशिश की लेकिन उनके इस प्रयास को रोकने के लिए जब बड़ी  संख्या में सुरक्षा बल वहां पहुंचे तो पत्थलगड़ी समर्थकों ने उग्र होकर पुलिस के खिलाफ मोर्चेबंदी  कर ली और अनिगड़ा-चांदी डीह इलाके में मंगलवार दोपहर उन्होंने स्थानीय सांसद करिया मुंडा के  निवास पर हमला बोलकर उनके 3 अंगरक्षकों को हथियार समेत अपहृत कर लिया। इस दौरान  वहां स्थानीय सांसद मौजूद नहीं थे।
 
मंगलवार रात पुलिस ने अपने अपहृत जवानों की स्थिति का पता लगा लिया था और ग्रामीणों से  उन्हें छोड़ने की अपील की थी लेकिन उनके साथ एकत्रित गुंडों ने पुलिस प्रशासन पर ही अपनी  शर्तें मानने का दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पत्थलगड़ी  समर्थक पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए अपने कुछ लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे और  कह रहे थे कि उनकी रिहाई पर ही सांसद के अंगरक्षकों को छोड़ा जाएगा। मंगलवार रात ही  पुलिस प्रशासन ने इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली थी।
 
पुलिस ने बताया कि राज्य सरकार की विकास की नीति के खिलाफ कुछ उग्रवादी तथा स्थानीय  ईसाई मिशनरियां एकजुट होकर स्थानीय आदिवासियों को भड़का रही हैं और खूंटी में गांवों के  बाहर पत्थर गाड़कर उस पर स्थानीय प्रशासन के प्रवेश को निषिद्ध करने की बात लिख रही हैं।  प्रशासन के लोगों के गांवों के भीतर जाने पर ये गुंडे, गरीब आदिवासियों को एकजुट कर उन पर  हमला कर देते हैं।
 
पुलिस ने बताया कि इन्हीं पत्थलगड़ी समर्थकों और ईसाई मिशनरी के लोगों ने मिलकर 19 जून  को खूंटी में एक ईसाई मिशनरी में नुक्कड़ नाटक कर रहे समूह की 5 युवतियों का अपहरण कर  उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और अप्राकृतिक यौनाचार किया। पुलिस ने उक्त मामले में  मिशन के 1 पादरी समेत 3 अपराधियों को गिरफ्तार किया है और 6 अन्य की तलाश कर रही  है।
 
जहां इसाई मिशनरियों ने इस नृशंस कांड पर चुप्पी साध रखी है वहीं रविवार को रांची में एक  संवाददाता सम्मेलन कर स्थानीय मीडिया से एक बिशप ने कहा कि पुलिस जान-बूझकर बदनीयत  से उनके साथियों को फंसा रही है। पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वह  बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ कानूनसम्मत कार्रवाई कर रही है। (भाषा)
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