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Last Updated : रविवार, 20 जनवरी 2019 (22:18 IST)

मायावती की तुलना किन्नरों से करने वाली भाजपा विधायक ने मांगी माफी

मायावती की तुलना किन्नरों से करने वाली भाजपा विधायक ने मांगी माफी - Mayawati, Sadhna Singh
चंदौली-नई दिल्ली। भाजपा विधायक साधना सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती की तुलना कथित रूप से किन्नरों से करते हुए उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके नया विवाद पैदा कर दिया। हालांकि मामला तूल पकड़ते देख देर शाम उन्होंने माफी मांग ली। वहीं, नई दिल्ली में राष्ट्रीय महिला आयोग ने बसपा सुप्रीमो पर की गई टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लिया। आयोग इस संबंध में सिंह को नोटिस जारी करके उनसे स्पष्टीकरण मांगेगा।
 
सपा और बसपा के साथ-साथ केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने भी भाजपा विधायक की इस टिप्पणी की निंदा की। बसपा ने इस सिलसिले में विधायक के खिलाफ बबुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उधर, बसपा के नेता एससी मिश्रा ने ट्‍विटर पर कहा कि सपा बसपा के गठबंधन के बाद भाजपा नेता अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उन्होंने साधना सिंह को ‘मानसिक रूप से बीमार’ करार दिया।
 
मुगलसराय क्षेत्र से भाजपा विधायक साधना सिंह ने चंदौली जिले के करणपुरा गांव में शनिवार को आयोजित किसान कुंभ कार्यक्रम में मायावती का जिक्र करते हुए कहा, 'हमको तो उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ना तो महिला लगती हैं और ना ही पुरुष। इनको तो अपना सम्मान ही समझ में नहीं आता। जिस महिला का इतना बड़ा चीरहरण हुआ लेकिन कुर्सी पाने के लिए उसने अपने सारे सम्मान को बेच दिया। ऐसी महिला मायावती का हम इस कार्यक्रम के माध्यम से तिरस्कार करते हैं।' 
 
उन्होंने आरोप लगाया, 'वह महिला नारी जात पर कलंक हैं। जिस महिला की आबरू को भाजपा के नेताओं ने लुटते-लुटते बचाया, उसी ने सुख-सुविधा के लिए अपमान को पी लिया। ऐसी महिला तो किन्नर से भी ज्यादा बदतर है। वह ना नर है, ना महिला है, उसकी किस श्रेणी में गिनती करनी है।' 
हालांकि बवाल बढ़ते देख साधना ने देर शाम एक पत्र जारी करके अपने बयान पर माफी मांगी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पत्र में साधना ने कहा कि उनकी मंशा किसी को अपमानित करने की नहीं थी, बल्कि वह तो 2 जून 1995 को गेस्ट हाउस कांड के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा मायावती की मदद किए जाने की याद दिला रही थीं। यदि इससे किसी को कष्ट हुआ है तो वह खेद प्रकट करती हैं।
 
बसपा प्रवक्ता सुधीन्द्र भदौरिया ने कहा कि विधायक साधना सिंह का बयान भाजपा नेताओं की मनुवादी और सामंतवादी सोच को जाहिर करता है। इस प्रकार की असभ्य भाषा का ये लोग पहले भी प्रयोग करते रहे हैं। इससे पहले भाजपा नेता दयाशंकर ने ऐसे अल्फाज का इस्तेमाल किया था।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता गरीबों, दलितों, मुस्लिमों को हिक़ारत की नजर से देखते हैं। मायावती इन तबकों की सबसे बुलंद आवाज हैं। सपा-बसपा के गठबंधन से भाजपा के नेता बौखला गए हैं, इसीलिये इस तरह की अभद्र भाषा बोल रहे हैं।
 
बसपा के साथ गठबंधन करने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा विधायक की इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल बसपा प्रमुख मायावती के लिए किया है, वह घोर निंदनीय है। यह भाजपा के नैतिक दिवालिएपन और हताशा का प्रतीक है।
 
इस बीच, बसपा के वाराणसी एवं आजमगढ़ मण्डल के मुख्य जोनल प्रभारी रामचंद्र गौतम ने भाजपा विधायक साधना सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक कानून और भारतीय दण्ड विधान की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज करके कार्रवाई के लिए बबुरी थाने में शिकायत की है। मामला दर्ज करने की मांग को लेकर बसपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया। 
 
राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, ‘ऐसी अभद्र टिप्पणी किसी नेता को शोभा नहीं देती और निंदनीय है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है और साधना सिंह को कल नोटिस भेजा जाएगा।’

उधर, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने टिप्पणी की निंदा करते हुए आज कहा कि ऐसी व्यक्तिगत आक्षेपपूर्ण बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। अठावले ने लखनऊ में संवाददाताओं द्वारा इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना, अमर्यादित और अवांछनीय है।
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