गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Madhya Pradesh Legislative elections Government
Written By
Last Modified: भोपाल , रविवार, 11 मार्च 2018 (19:24 IST)

मध्यप्रदेश में बनेगा ‘मध्यप्रदेश खुशी सूचकांक’

मध्यप्रदेश में बनेगा ‘मध्यप्रदेश खुशी सूचकांक’ - Madhya Pradesh Legislative elections Government
भोपाल। मध्यप्रदेश में लोग कितने खुशहाल हैं, यह जानने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही एक प्रश्नावली लेकर आम लोगों के घर-घर जाएगी, ताकि इस साल के अंत में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ‘मध्यप्रदेश खुशी सूचकांक’ तैयार किया जा सके।

इससे यह पता चल सकेगा कि प्रदेश में भाजपा के सवा चौदह साल शासन करने के बाद जनता कितनी खुश है और कैसा महसूस कर रही है। इसी के साथ मध्यप्रदेश खुशी सूचकांक तैयार करने वाला देश का पहला राज्य बन सकता है। प्रदेश सरकार भूटान और ग्रेट ब्रिटेन जैसे देशों की तर्ज पर इस क्षेत्र में काम कर रही है।

देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश सरकार ने जुलाई 2016 में ‘आनंद मंत्रालय’ स्थापित किया था, ताकि लोगों की जिन्दगी में खुशहाली लाई जा सके। यह नया मंत्रालय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर बनाया गया। इसके बाद, मई 2017 में मध्यप्रदेश सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर, जो कि देश में हैप्पीनेस सेंटर का एकमात्र संस्थान है, के साथ राज्य के लिए एक खुशी सूचकांक तैयार करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया था।

राज्य आनंद संस्थान के निदेशक प्रवीण गंगराड़े ने आज बताया, ‘मध्यप्रदेश सरकार ने आईआईटी खड़गपुर को यह मात्रात्मक उत्तर देने की जिम्मेदारी दी है कि ख़ुशी कैसे आती है तथा लोग वास्तव में कितने खुश हैं? हमें उम्मीद है कि इस संबंध में आईआईटी खड़गपुर से प्रश्नावली अगले 15 दिनों में हमें मिल जाएगी।’

उन्होंने कहा कि ‘जैसे ही हमें प्रश्नावली मिलेगी, हम इस पर काम करना शुरू कर देंगे और लोगों से फीडबैक लेंगे।’ गंगराड़े ने बताया कि प्रदेश के लोगों की खुशी का सर्वेक्षण करने से पहले हम इस प्रश्नावली का बारीकी से अध्ययन करेंगे। इसके अध्ययन में हमें एक या दो महीने का समय लग सकता है।

उन्होंने कहा, ‘खुशी सूचकांक तैयार करना एक लंबी प्रक्रिया है। इसमें हमें प्रदेश के दूर दराज गांवों तक पहुंचने के लिए लोगों से साक्षात्कार लेने वाले कुशल कर्मियों की जरूरत होगी, ताकि वे लोगों से फीडबैक ले सकें और उसके बाद ‘खुशी सूचकांक’ तैयार कर सकें।’’ गंगराड़े ने बताया, ‘हमें उम्मीद है कि अगले छह महीनों में हम ‘खुशी सूचकांक’ बना देंगे।’

उन्होंने कहा कि ‘खुशी सूचकांक’ को एक से 10 तक के पैमाने पर या एक से सात तक के पैमाने पर मापा जा सकता है। राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोहर दुबे ने बताया, ‘‘मई 2017 में मध्यप्रदेश सरकार ने आईआईटी खड़गपुर के साथ राज्य के लिए एक खुशी सूचकांक तैयार करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। यह प्रश्नावली इसी कड़ी में बनाई जा रही है।’ हाल ही में जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, सर्वाधिक खुशहाल देशों की वैश्विक सूची में भारत वर्ष 2017 में नीचे सरककर 122वें पायदान पर पाया गया है, जबकि वर्ष 2016 में 118वें स्थान पर था। (भाषा) 
ये भी पढ़ें
मानवता बचाने के लिए सौर ऊर्जा जरूरी : मोदी, मैक्रों