कर्नाटक में सत्ता के लिए रस्साकसी शुरू, सभी की नजरें राज्यपाल वजूभाई वाला पर
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता देख राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा में रस्साकसी तेज हो गई है और अब सभी की नजरें राज्यपाल वजूभाई वाला पर टिक गई हैं।
राज्य विधानसभा के पूरे परिणाम आने से पहले ही सिर्फ रुझानों के आधार पर कांग्रेस ने जनता दल (एस) को सरकार बनाने का समर्थन देने की घोषणा कर दी और कहा कि आज शाम दोनों दलों के नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
दूसरी तरफ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भाजपा ने भी राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने का संकेत दिया है। कांग्रेस ने जिस समय जनता दल (एस) को सरकार बनाने का समर्थन देने की घोषणा की उस समय परिणामों और रुझानों के आधार पर भाजपा 104 सीटों पर आगे थी जबकि कांग्रेस 76 सीटों पर तथा जनता दल (एस) 39 सीटों पर बढत बनाए हुए था।
परिणाम सिर्फ 112 सीटों के ही आए थे जिनमें से 64 भाजपा के पक्ष में, 33 कांग्रेस के तथा 14 जद (एस) के पक्ष में थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि हमने देवेगौड़ाजी और कुमारस्वामी के साथ टेलीफोन पर बात की है।
उन्होंने हमारा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। हमने जद (एस) को सरकार का नेतृत्व करने को कहा है। हम दोनों की सीटें भाजपा से ज्यादा आ रही हैं। किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए पहले बुलाने की परंपरा रही है लेकिन हाल में हुए गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा ने छोटे दलों को मिलाकर वहां अपनी सरकारें बना लीं। संभवत इसी को देखते हुए कांग्रेस ने पूरे परिणाम आने का इंतजार करने से पहले ही जनता दल (एस) को समर्थन देने की घोषणा कर दी। (वार्ता)