गौरतलब है कि उधवा की पतौड़ा झील को रामसर साइट के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल चुकी है। यहां हर वर्ष 20,000 से ज्यादा पक्षियों का आगमन होता है। यह पूर्वी भारत का इकलौता पक्षी अभयारण्य भी है। लगभग 155 हैक्टेयर क्षेत्र में फैले पतौड़ा झील में साल भर उधवा नाले के जरिये गंगा नदी का पानी मिलता है।सर्दियाँ आ गई हैं और उधवा में हमारे प्यारे पक्षी मेहमान भी!
— Sudivya Kumar (@kumarsudivya) November 19, 2025
साहिबगंज के सादाबाहर जंगल हर साल उधवा पक्षी अभ्यारण्य में साइबेरिया, यूरोप और अन्य जगहों से आए प्रवासी पक्षियों का स्वागत करते हैं।
गंगा नदी की गोद में बसा यह पक्षी अभ्यारण्य झारखण्ड का एक महत्वपूर्ण और आकर्षक पर्यटन… pic.twitter.com/lrMfkIH7Ud