Ground Report: इंदौर में किराना बाजार में ग्राहकी, शराब दुकानों पर सन्नाटा
-रिपोर्ट एवं फोटो धर्मेन्द्र सांगले
इंदौर। कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) के बीच शहर में मंगलवार को कुछ रियायतें दी गईं। किराना दुकानों पर जहां भीड़ नजर आई, वहीं शराब की दुकानों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। आज से गैरेज और सर्विस सेंटर आदि को भी खोलने की अनुमति दी गई है, इसके चलते लोग अपने बंद पड़े वाहनों को सुधरवाने के लिए पहुंच गए। वेबदुनिया ने भी लोगों को मिली रियायतों के बीच शहर का जायजा लिया।
शहर में ज्यादातर दुकानें तय समय के अुनसार खुल गईं। शहरों पर मंगलवार को ट्रैफिक तुलनात्मक रूप से ज्यादा दिखाई दिया। पलासिया, रीगल चौराहा, शिवाजी वाटिका चौराहा, छावनी आदि क्षेत्रों में रोज की अपेक्षा ट्रैफिक ज्यादा था। छावनी, मालवा मिल, पाटनीपुरा, बंगाली चौराहा, तिलक नगर, संविदनगर, बिचौली मर्दाना आदि क्षेत्रों की किराना दुकानों पर सुबह से ही ग्राहकी शुरू हो गई जो कि निर्धारित समय 12 बजे के बाद भी जारी रही। दुकानदार आधा शटर गिराकर आए हुए ग्राहकों को सामान देते रहे।
हम भी चाहते हैं कोरोना खत्म हो : तिलक क्षेत्र के फुटकर व्यापारी सुमित अग्रवाल ने कैमरे के सामने आने से बचते हुए कहा कि काफी लंबे समय से हमारा कामकाज बंद है। हम पहले ही मुश्किलों से जूझ रहे हैं। दुकान का किराया हमें देना पड़ रहा है, कमाई हो नहीं पा रही है। सबसे अहम बात तो यह है कि आए हुए ग्राहक को लौटा भी नहीं सकते। इसलिए हम सामान दे रहे हैं। हालांकि हम कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन कर रहे हैं। हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द कोरोना खत्म हो और आर्थिक गतिविधियां एक बार फिर पटरी पर लौट आएं।
गैरेज और सर्विस सेंटर खोलने से लोगों के चेहरों पर चमक थीं, वहीं ग्राहक भी इस बात से खुश थे कि लंबे समय से बंद पड़ी उनकी गाड़ी ठीक हो जाएगी। कनाड़िया क्षेत्र के एक गैरेज पर अपने वाहन को सुधरवाने आए हरीश यादव ने बताया कि गैरेज तो खोल दिए, लेकिन ऑटो पार्ट्स की दुकानें बंद हैं। ऐसे में किसी पार्ट्स की जरूरत हो तो कहां से लाएंगे।
चालानी कार्रवाई : दूसरी ओर, नगर निगम की टीम ने कोरोना गाइडलाइंस फॉलो नहीं करने के कारण कई दुकानदारों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की। कुछ दुकानदार प्रशासन के निर्देश के अनुसार गोले बनाकर काम नहीं कर रहे थे। निगम की गाड़ियां लोगों से कोरोना नियमों के पालन करने की अपील भी कर रही थीं। इसके साथ ही शहर में सेनेटाइजशन का काम भी चल रहा था। शहर में कई व्यवसाय ऐसे भी हैं, जिन्हें दुकानें खोलने की अनुमति नहीं मिली है, अत: उन क्षेत्रों में भी सन्नाटा पसरा हुआ था।