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Last Updated :लखनऊ (उप्र) , सोमवार, 17 नवंबर 2025 (17:59 IST)

बीबीडी का दीक्षांत समारोह : शिक्षक की भूमिका में रहे सीएम योगी, युवाओं से कहा- जीवन में कोई भी अयोग्य नहीं

Chief Minister Yogi Adityanath attended convocation ceremony of Babu Banarasi Das University
- बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को मेडल व डिग्री प्रदान कर किया सम्मानित 
- सीएम योगी ने एआई पर दिया जोर, युवाओं से बोले- वह आपके द्वारा संचालित हो
- योगी ने कहा- टेक्नोलॉजी के साथ ही युवाओं को संस्कारों से भी जोड़ें संस्थान
Chief Minister Yogi Adityanath News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में युवाओं को 'शिक्षक' के रूप में रास्ता दिखाया। उन्होंने युवाओं को हमेशा प्रयास करते रहने की सीख दी। कहा कि प्रयास कहने से सब कुछ हो सकता है। जीवन में सफलता के 2 ही मार्ग हैं। समाधान की तरफ जाएंगे तो सफलता प्राप्त होगी। समस्या को बार-बार गिनाते रहेंगे तो सफल नहीं हो सकते। समस्या की बजाय समाधान पर ध्यान दीजिए। सभी लोग मिलकर जब सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे तो समाधान मिलेगा। जीवन में सदा नया सीखने का अवसर प्राप्त होता है।

अलग-अलग सेक्टरों में हमें नए अवसरों को ढूंढने का प्रयास करना चाहिए। कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं है, बल्कि योग्य योजक चाहिए। संस्थान, बॉस, आचार्य, अभिभावक और व्यक्ति भावी पीढ़ी के लिए योजक बन सकते हैं। जीवन में धैर्य, संतुलन खोए बिना अडिग होकर आगे बढ़ेंगे तो सफलता कदम चूमेगी।
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीक्षांत समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास, विश्वविद्यालय के रचनाकार पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास गुप्ता को भी याद किया। सीएम योगी ने 2011 में विश्वविद्यालय बनने के बाद से यहां के एकेडमिक एक्टिविटीज व खेल की तारीफ की। 
 
जब हमने दुनिया का अनुसरण शुरू किया तो हमारी ताकत भी कम होती गई 
सीएम योगी ने कहा कि यह केवल दीक्षांत समारोह नहीं है बल्कि इंडियाज ट्रांसफॉर्मिंग जनरेशन का एक उदाहरण भी है। जो विद्यार्थी उपाधि प्राप्त करते हुए आगे बढ़ रहे हैं, आने वाले समय में उनके विजनरी लीडरशिप में देश-प्रदेश नई गति प्राप्त करेगा। सीएम योगी ने भारत की प्राचीन गुरुकुल प्रणाली के समावर्तन समारोह और उसके परिवर्तित रूप दीक्षांत समारोह की भी व्याख्या की।
उन्होंने कहा कि हम जो करते थे, दुनिया उसका अनुसरण करती थी। जब हमने दुनिया का अनुसरण शुरू किया तो हमारी ताकत भी कम होती गई। सीएम योगी ने कहा कि बाबू बनारसी दास के संघर्षों, आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में उनके योगदान और स्वतंत्र भारत में उत्तर प्रदेश कैसा बनना चाहिए, इस पर उनके प्रयास की भी चर्चा की।

बोले- उप्र के मुख्यमंत्री के रूप में हम जिन भी वर्तमान कार्ययोजनाओं को बढ़ाने में सफल होते हैं, उनमें कहीं न कहीं भाव इन्हीं विभूतियों के छिपे होते हैं। जो इन्होंने उस समय यूपी के बारे में सोचा था, हमें उत्तर प्रदेश में उन्हें मूर्तरूप प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। कृतज्ञता का भाव सदैव मन में होना चाहिए।
 
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने लगाई लंबी छलांग 
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने लंबी छलांग लगाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया खेलो के माध्यम से 2014 में एक अभियान चलाया। फिट इंडिया मूवमेंट, सांसद खेलकूद प्रतिस्पर्धा के माध्यम से खेलकूद के प्रति भाव पैदा करने की नई प्रेरणा प्रदान की। आज खेल दिनचर्या का हिस्सा बनता जा रहा है। किसी एकेडमिक संस्था में खेल भी महत्वपूर्ण हिस्सा हो और उसके पास भव्य स्टेडियम, बैडमिंटन एकेडमी हो, यह बीबीडी की बड़ी उपलब्धि है। 
10 कदम आगे की सोच लेकर चलेंगे, तब दुनिया अनुगमन करेगी 
सीएम योगी ने कहाकि यह केवल रूटीन की डिग्री प्रदान करने वाला संस्थान नहीं है। इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के नए हब के रूप में बीबीडी को स्थापित करने के लिए नया प्रयास प्रारंभ हुआ है। दुनिया तकनीक को तेजी से अपना रही है। दुनिया जहां जा रही है, हम उससे 10 कदम आगे की सोच लेकर चलेंगे, तब दुनिया हमारा अनुगमन करने को मजबूर होगी।
11 वर्ष में भारत की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए सीएम ने कहाकि इसे देख दुनिया भी उसके पीछे चलने के लिए खुद को मजबूर करती है। सीएम योगी ने 2014 के पहले व बाद में देश के प्रति आई धारणा का जिक्र किया। बोले कि लोगों की हताशा व निराशा को आशा व उत्साह में भरने का कार्य 2014 के बाद देखने को मिला। 
 
मोदी जी ने स्केल को स्किल में बदलने का कार्य किया
सीएम योगी ने कहा कि भारत ने हर क्षेत्र में नई छलांग लगाई है। छोटे-छोटे प्रयोग कर भारत ने बताया कि इसके परिणाम क्या हो सकते हैं। मोदी जी ने कहा कि हर गरीब का बैंक अकाउंट होना चाहिए तो नकारात्मक लोग नकारात्मक स्वर बोलने लगे। जिन्हें कुछ नहीं करना होता है, वे सकारात्मक कदम का विरोध करते हैं।

कोई चिंता किए बिना मोदी जी ने जीरो बैलेंस पर गरीबों के बैंक अकाउंट खुलवाए, जिससे डीबीटी के माध्यम से बिना किसी कट के शासन की योजनाओं की राशि सीधे गरीबों के खाते में जा रही है। इससे देश में 50 करोड़ परिवार जुड़ता दिखाई दे रहा है। यह भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार है। सब कुछ डिजिटल पेमेंट के साथ जुड़ गया है।
कभी राजीव गांधी ने कहा था कि हम एक रुपये भेजते हैं, गरीब के पास 15 पैसे जाते हैं पर आज डिजिटल इंडिया मिशन है। जब दुनिया की सुपर पावर भी कोरोना के साए में थी, तब भारत कोविड प्रबंधन के साथ ही 2020 में नेशनल एजूकेशन पॉलिसी को लांच कर रहा था। सीएम ने कई योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि युवा की आकांक्षाओं को पंख लगाने की दृष्टि से मोदी जी ने स्केल को स्किल में बदलने का कार्य किया। 
 
बीबीडी एकेडमी में भी स्केल व स्किल का बेहतरीन समन्वय 
सीएम योगी ने कहा कि भारत सबसे युवा राष्ट्र है। यहां 56 फीसदी आबादी कामकाजी है। उनके सपनों को उड़ान देने के लिए संस्थानों को तैयार होना है। लखनऊ में बीबीडी एकेडमी में भी स्केल व स्किल का बेहतरीन समन्वय दिखता है। हमें उस दिशा में आगे कार्य करना होगा।

सीएम ने हर क्षेत्र में एआई की उपयोगिता पर जोर देते हुए कहा कि यह आज की आवश्यकता है, लेकिन वह आपके द्वारा संचालित हो, आप उसके द्वारा न संचालित हो। रोबोटिक में भारत ने लंबी छलांग लगाई है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कार्य हो रहा। इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट को भी इस दिशा में नए प्रयास को आगे बढ़ाना होगा। युवाओं, किसानों, श्रमिकों समेत अलग-अलग सेक्टर से जुड़े लोगों की उपयोगिता पर बल दिया। 
 
टेक्नोलॉजी के साथ ही संस्कारों से भी जोड़ें संस्थान 
सीएम ने सीवर की सफाई करने वाले सफाईकर्मियों की परेशानी का जिक्र किया और जनहानि रोकने के लिए रोबोटिक के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया है। हम दुनिया में कहीं जाते हैं तो वहां के नियमों का पालन करते हैं, लेकिन अपने देश में ऐसा नहीं करते। सीएम ने ट्रैफिक सेंस व सिविक सेंस की उपयोगिता पर भी बल दिया।
सीएम ने जी-20 समिट की चर्चा करते हुए उस दौरान गमले गायब होने का भी किस्सा सुनाया। सीएम ने संस्थानों को नसीहत दी कि युवाओं को टेक्नोलॉजी के साथ ही संस्कारों से भी जोड़ें, जिस पर विकसित भारत के रूप में मजबूत इमारत का निर्माण करना है। पीएम मोदी के विकसित भारत का विजन विकसित यूपी से साकार होगा और इसके लिए सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करना होगा।  
 
जनसहभागिता के बिना कोई भी स्कीम सफल नहीं होती 
सीएम योगी ने कहा कि लोग कहते थे कि यूपी नहीं सुधर सकता। भारत सरकार के आंकड़ों में यूपी बॉटम-5 में रहता था। 2017 में जब सत्ता मिली तो सोचा कि यूपी टॉप-थ्री में क्यों नहीं आ सकता। हमने मंत्रियों व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि कोई भी स्कीम तब तक सफल नहीं होगी, जब तक जनसहभागिता नहीं होगी। आप आमजन से संवाद कीजिए। परिणाम स्वरूप यूपी आज भारत सरकार की हर स्किम में टॉप- थ्री में है।
 
कानून का पालन करना ही होगा 
सीएम योगी ने कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार बनी तो चैलेंज था। पहले के निवेश भी पलायन कर रहे थे। भारत सरकार की मीटिंग में यूपी की गिनती कहीं नहीं होती थी, लेकिन पीएम मोदी के मंत्र ‘सबका साथ-सबका विकास’ और अपराध-अपराधियों, भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचारियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सरकार ने कार्य किया। आज अन्य प्रदेश भी यूपी के कानून व्यवस्था को मॉडल के रूप में देखते हैं।

सीएम योगी ने कहा कि कानून शब्द लगता भले ही बुरा है, लेकिन जब व्यक्ति अंतःकरण से स्वीकार करता है तो उसका फल ऐसे ही होता है जैसे दवा कड़वी लगती है, लेकिन उसके परिणाम सुखद होते हैं। कानून का पालन करते हुए सभी को जीवन का हिस्सा बनाना ही होगा। कानून व्यवस्था पर कार्य हुआ तो यूपी में निवेश की झड़ी लग गई। जिस प्रदेश में पांच वर्ष में 50 हजार करोड़ का भी निवेश नहीं आ पाता था, वहां 8 वर्ष में 45 लाख करोड़ से अधिक से निवेश प्रस्ताव लाने में सफलता प्राप्त की। 
हमने ली सुरक्षा की गारंटी 
सीएम योगी ने कहा कि 1950 में भारत की अर्थव्यवस्था में यूपी का शेयर 14 फीसदी थी। 2017 में भारत की अर्थव्यवस्था में यूपी का योगदान 8 फीसदी से कम रह गया था। हम सत्ता में आए तो कहा कि जब व्यक्ति सुरक्षित नहीं तो पूंजी कैसी सुरक्षित रहेगी। हर किसी को सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए और हमने यह गारंटी ली।

हमने मात्र दो वर्ष में यूपी को नंबर-2 पर पहुंचाया। आज यूपी की गिनती टॉप अचीवर स्टेट के रूप में होती है। अखिलेश दास जी ने अपनी क्षमता से 100 एकड़ में विश्वविद्यालय बनाया, लेकिन आज प्राइवेट निवेशक के लिए यह असंभव है। उस समय सरकार के चहेतों के लिए 10 एकड़ में भी विश्वविद्यालय की अनुमति दी गई। हमने 33 सेक्टोरियल पॉलिसी बनाई और कहा कि सरकार की पॉलिसी समान होनी चाहिए। लैंडबैंक हमारा, आप पॉलिसी देखकर निवेश कीजिए, सरकार सुरक्षा व गारंटी देगी। 
 
दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत के पराक्रम को देखा 
सीएम योगी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दुनिया ने भारत के पराक्रम को देखा। यूपी भी देश की सेना रक्षाओं के साथ रहा। ब्रह्मोस मिसाइल यूपी के लखनऊ में बनी है। मैंने लखनऊ में इसके लिए फ्री में लैंड दी। हर वर्ष पूरी कैपेसिटी से ब्रह्मोस मिसाइल का नोड कार्य करना प्रारंभ करेगा तो यूपी को प्रतिवर्ष 300 से 500 करोड़ का जीएसटी प्राप्त होगा।
2020 में हमने लैंड का ऑफर किया, 2022 में उपलब्ध कराई तो विकसित लैंड के बाद इसकी कीमत मात्र 200 करोड़ थी। उसके बदले आज राज्य को कई गुना पैसा मिल रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यूपी में यहां के नौजवानों द्वारा बनाए गए ड्रोन ने पाकिस्तान के होश उड़ा दिए थे। 
 
जीवन में धैर्य, संतुलन खोए बिना अडिग होकर आगे बढ़ेंगे तो सफलता कदम चूमेगी 
सीएम योगी ने कहा कि यूपी ने आज खुद को एआई, डाटा सेंटर, इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (रोबोटिक ड्रोन टेक्नोलॉजी) के रूप में स्थापित किया है। सीएम ने विश्वविद्यालय से अपील की कि इमर्जिंग टेक्नोलॉजी को पार्ट बनाएं। शार्ट टर्म, सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ करें, ड्रोन-रोबोटिक, आईओटी, एआई में कार्य प्रारंभ करें और अलग-अलग सेक्टर में इसकी उपयोगिता पर जोर दें।

टेक्नोलाजी जॉब कट नहीं करता, वह नए अवसर देता है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसे कैसे भुनाते हैं। 1990 के प्रारंभ में कंप्यूटर का चलन प्रारंभ हुआ तो कई संस्थानों ने कहा कि रोजगार पर प्रहार होगा, लेकिन इससे रोजगार के अवसर बढ़े। 
 
दीक्षांत समारोह में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कुलाधिपति अलका दास, प्रति कुलाधिपति विराज सागर दास, उपाध्यक्ष सोनाक्षी दास गुप्ता, देवांशी दास गुप्ता, कुलपति प्रो. एसके श्रीवास्तव, प्रति कुलपति प्रो. एससी शर्मा आदि उपस्थित रहे। 
 
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को दिया मेडल व डिग्री 
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान बच्चों को मेडल व डिग्री प्रदान किया। सीएम के हाथों अवॉर्ड पाने वालों में मुस्कान साहू, पेशवानी शर्मा, सुमि गौर, जीविदा शुक्ला, स्मारिका सक्सेना, इंशा इमरान, मधुलिका, ऋषिता अस्थाना, नैना सिंह, विभव दुबे, पल्लवी राय, नीरज कुमार कुशवाहा, वर्तिका गुप्ता, वैष्णवी यादव, शुभम शुक्ला, वैष्णवी श्रीवास्तव, सारा मेहंदी आदि शामिल रहीं।
वहीं डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित होने वालों में मयंक जयपुरिया, अमृता यादव, मंजू भारद्वाज, श्वेता सिंह, उषा अरुणिमा, आलोक शरण, समीक्षा गुप्ता, ओजस्विनी पाल, शैलजा पांडेय, नेहा शर्मा, आफरीन हसन, फरहीन आजाद, सारा जैदी, अनुकृति मिश्रा शामिल रहीं।
Edited By : Chetan Gour
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