योग-उद्योग के संगम से आ रहे देश के अच्छे दिन : बाबा रामदेव
अहमदाबाद। योग गुरु बाबा रामदेव ने बुधवार को कहा कि भारत के अच्छे दिन योग और उद्योग के संगम से आ रहे हैं और अब दुनिया के अच्छे दिन भी इसी से आएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृहराज्य गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में 21 जून को आगामी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 18 से 21 जून तक 4 दिवसीय योग शिविर लगाने तथा इस दौरान 5 लाख लोगों की शिरकत के साथ नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी के सिलसिले में बुधवार को यहां आए बाबा रामदेव ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि लोग अक्सर उनसे पूछते थे कि देश के अच्छे दिन कैसे आएंगे? योग और उद्योग से आध्यात्मिकता तथा आर्थिक प्रगति साथ-साथ होने से देश के अच्छे दिन आ रहे हैं। ऐसे ही योग और उद्योग के संगम से दुनिया के भी अच्छे दिन आएंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि गाय तो राष्ट्रमाता है ही और इसे संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए गुजरात सरकार ने सराहनीय कार्य किया है और वे उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र स्तर पर भी इस दिशा में जरूरी कदम उठाएंगे।
बाबा रामदेव ने कहा कि राजनीति और सार्वजनिक जीवन से भ्रष्टाचार को दूर करने और सदाचार फैलाने का रास्ता योग ही है। जब योग राष्ट्र का स्वभाव बन जाएगा, तब भ्रष्टाचार और भ्रष्ट आचरण समाप्त हो जाएगा।
बाद में योग गुरु रामदेव ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि गुजरात उनके योग की कर्मभूमि है। यहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 4 दिन का दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन होगा जिसका उद्घाटन रूपाणी करेंगे तथा समापन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह करेंगे।
अमित शाह भी हैं योगी : अहमदाबाद व गांधीनगर से मिले समाचार के अनुसार योग गुरु बाबा रामदेव ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह भी एक योगी हैं।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यहां अपने 4 दिवसीय शिविर की तैयारी के सिलसिले में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से मुलाकात के बाद योग गुरु ने कहा कि उनके शिविर का समापन योग दिवस के अवसर पर 21 जून को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह करेंगे, जो स्वयं भी एक योगी हैं।
भाजपा के प्रति कथित झुकाव रखने वाले बाबा रामदेव ने कहा कि योग, अध्यात्म और भारतीय संस्कृति में अपनी अनन्य निष्ठा के कारण अमित शाह भी योगी ही हैं। उन्होंने कहा कि शिविर का उद्घाटन मुख्यमंत्री रूपाणी करेंगे। गुजराती भाषा में बोलते हुए बाबा रामदेव ने गुजरात को अपनी कर्मभूमि भी करार दिया। (वार्ता)