अमरिंदर और सिद्धू के बीच कम हुईं दूरियां, दोनों तरफ से मिले सकारात्मक संकेत
नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कड़वाहट होने की लंबे समय से चली आ रही खबरों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने रविवार को कहा कि दोनों नेताओं के बीच दूरियां कम हुईं हैं और साथ काम करने को लेकर दोनों तरफ से सकारात्मक संकेत भी मिले हैं।
रावत ने कहा कि सिद्धू को पंजाब में कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व के साथ खड़ा करना चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन बतौर प्रभारी वह इसका प्रयास करेंगे तथा उनकी कोशिश है कि जल्द ही पूर्व क्रिकेटर की राहुल गांधी से मुलाकात हो जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि सिद्धू यह समझते हैं कि कांग्रेस से बेहतर मंच उन्हें नहीं मिल सकता।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह उम्मीद भी जताई कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलों की नाराजगी का मुद्दा जल्द सुलझा लिया जाएगा क्योंकि राहुल गांधी के हालिया पंजाब दौरे के समय बाजवा ने उनसे मुलाकात कर अपनी बात उनके समक्ष रखी।
उल्लेखनीय है कि सिद्धू और बाजवा कृषि कानूनों के खिलाफ निकाली गई कांग्रेस की ‘खेती बचाओ यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी के साथ मंच पर नजर आए थे और सभा को संबोधित किया था। पिछले साल मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू पहली बार कांग्रेस के किसी बड़े कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
रावत ने कहा कि सिद्धू को केंद्रीय नेतृत्व से कोई नाराजगी नहीं है। राहुल जी और प्रियंका जी के प्रति उनकी पूरी प्रतिबद्धता है। मगर उनको पंजाब में वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व के साथ खड़ा करना चुनौतीपूर्ण काम है। मेरा प्रयास है कि वह खड़े हों।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी नेता राज्य में एक उद्देश्य के लिए काम करें और उसमें सिद्धू भी साथ खड़े हों। फिलहाल हमारा उद्देश्य किसानों के खिलाफ आए काले कानूनों के विरुद्ध लड़ना है।
यह पूछे जाने पर कि आगे सिद्धू की सरकार या संगठन में क्या भूमिका होगी तो रावत ने कहा कि मैं उम्मीद कर रहा हूं कि दोनों में किसी एक तरफ से पहल होगी और शायद रास्ता निकल जाएगा। मैंने एक बात देखी है कि मुख्यमंत्री ने सिद्धू के अपने साथ चलने की इच्छा व्यक्त की है और सिद्धू ने भी नहीं कहा कि वह अमरिंदर सिंह के साथ नहीं चल सकते।’’
उन्होंने यह भी कहा कि दुरियां कम हुई हैं। कुछ प्रक्रिया आरंभ हुई है। हम चाहते हैं कि यह प्रक्रिया का जल्द पूरी हो। मेरा प्रयास रहेगा कि सिद्धू राहुल जी के साथ बैठकर बात करें। मेरा मानना है कि अपनी राय वह राहुल जी के समक्ष रखेंगे। मुझे विश्वास है कि वह राहुल जी की बात मान लेंगे।
रावत ने कहा, ‘मुख्यमंत्री से मेरी बात हुई है। उन्होंने सकरात्मक संकेत दिए हैं कि सिद्धू आएं और साथ काम करें। सिद्धू की तरफ से भी सकारात्मक संकेत मिले हैं। सिद्धू ने भी मुख्यमंत्री के बारे में कोई कड़वाहाट नहीं जताई है।‘ (भाषा)