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Last Modified: शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025 (19:28 IST)

आगरा में जुगाड़ की आतिशबाजी, जीवन पर पड़ी भारी, हादसे का CCTV आया सामने

Agra fireworks incident case
Fireworks incident case : आगरा के किरावली क्षेत्र के अभुआपुरा गांव में इस बार रोशनी पर्व पर अंधेरी छाया पड़ गई, यहां जुगाड़ के पटाखे के चक्कर में एक छात्र की मौत है गई। खुशियों के दीप के बीच सन्नाटा और चीखें गूंज उठीं। जहां हर घर में दीप जल रहे थे, वहीं एक घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया। 17 साल का आकाश, जो अपने परिवार के लिए उम्मीद और मुस्कान का कारण था, अब सिर्फ तस्वीरों में रह गया है, वहीं हादसे का सीसीटीवी भी सामने आया है।

22 अक्टूबर की रात अभुआपुरा गांव के रहने वाले रवींद्र राणा का 17 वर्षीय बेटा आकाश कोल्ड स्टोरेज में दोस्तों के साथ जुगाड़ से आतिशबाजी का आनंद ले रहा रहा था। दिवाली पर्व ये दोस्त पाइप गन बनाकर उसमें गंधक-पोटाश भरकर चला रहे थे। लोहे की नाल में जुगाड़ बनाकर बम फोड़ने की कोशिश इन पर भारी पड़ गई। लोहे की नाल में गंधक-पोटाश भरकर उसके ऊपर स्टील का गिलास रख दिया, जैसे ही यह फटा तो स्टील के गिलास का एक उसका टुकड़ा आकाश के सीने में जा धंसा।
कुछ ही सेकंड में खुशी की चीखें दर्द की चिल्लाहटों में बदल गईं। आनन-फानन में घायल को अस्पताल लाया गया, जहां से उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया, लेकिन किस्मत ने आकाश का साथ नहीं दिया, उपचार के दौरान उसकी मौत है गई है। डॉक्टरों ने बताया कि उसके दिल के पास स्टील का टुकड़ा धंसा हुआ था, जो उसकी जान ले बैठा। झिलमिल दीपों का त्योहार अब आकाश के घर के लिए अंधकार बन गया।

हादसे के बाद पुलिस पड़ताल में मौके से टूटा हुआ एक गिलास और पाइप बरामद हुआ है। वहीं पास लगे CCTV कैमरे में हादसे की तस्वीरें कैद हो गईं, जिसमें कुछ लड़के हंसते-खेलते आतिशबाजी कर रहे थे, फिर अचानक तेज धमाका और फिर अफरातफरी का माहौल दिखाई दे रहा है। घटना के बाद से गांव का हर शख्स गमजदा है।
आकाश के घर का नज़ारा किसी को भी रुला दे। मां बार-बार बेहोश हो रही है, पिता की आंखों में आंसू सूख चुके हैं। बहन की भाईदूज के तिलक की थाली अब भी सजी हुई रखी है, बहनों को उम्मीद थी कि भाई स्‍वस्‍थ होकर घर वापस आएगा और तिलक करके घर में भाई-बहन हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाएंगे, लेकिन अब वह थाली भाई के इंतजार में यूं ही पड़ी है, जैसे वक्त वहीं थम गया हो।

गांव के लोग बताते हैं कि आकाश होनहार और मददगार स्वभाव का था। वह बारहवीं कक्षा में पढ़ता था और इंजीनियर बनने का सपना देखता था। उसे पटाखों का बहुत शौक था, लेकिन शायद उसे अंदाज़ा नहीं था कि यह शौक उसकी ज़िंदगी की आखिरी गलती बन जाएगा।
इस हादसे ने पूरे गांव को झकझोर दिया है। हर कोई यही कह रहा है कि काश थोड़ा संभल जाते, काश कोई रोक लेता, तो आज आकाश हमारे बीच होता। इस हादसे से अब लोगों को भी सबक लेना चाहिए कि जुगाड़ से आतिशबाजी, सस्ते रोमांच की कीमत पर अनहोनी के चलते जान भी जा सकती है।
Edited By : Chetan Gour
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