भूपेश बघेल : प्रोफाइल
1980 के दशक में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कैबिनेट मंत्री के कार्यकारी के रूप में कार्य किया है। उन्होंने कई राज्य विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।
जन्म : भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को दुर्ग, मध्य प्रदेश (अब छत्तीसगढ़ में) में कुर्मी क्षत्रिय परिवार में हुआ।
पारिवारिक पृष्ठभूमि : भूपेश बघेल के पिता का नाम नंद कुमार बघेल और माता का नाम बिंदेश्वरी बघेल है। भूपेश बघेल का विवाह मुक्तिश्वरी बघेल से हुआ है, जिससे उन्हें चार बच्चे हैं।
राजनीतिक जीवन : भूपेश बघेल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 के दशक में की थी। वर्ष 1985 में वे भारतीय युवा कांग्रेस में शामिल हुए और दुर्ग जिले के अध्यक्ष बनाए गए। वे वर्ष 1993 में पाटन निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार चुने गए। वे वर्ष 1993 से 2001 तक मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के निदेशक रहे। वे 1990 से 94 तक जिला युवक कांग्रेस कमेटी, दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे।
बघेल को वर्ष 1994 में मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया। वे वर्ष 1998 में विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए और दिग्विजय सिंह सरकार में राज्यमंत्री (लोक शिकायत विभाग में) नियुक्त किए गए। वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया, तब बघेल राजस्व, लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और राहत कार्य के पहले मंत्री बने और वर्ष 2003 तक इस पद पर बने रहे। बाद में उसी क्षेत्र से वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य बने।
वे वर्ष 2003 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के उपनेता नियुक्त किए गए। वर्ष 2004 में उन्होंने दुर्ग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से संसदीय चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह वर्ष 2009 के आम चुनाव में भी उन्हें भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ हार मिली।
वर्ष 2014 में उन्हें कांग्रेस का राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वर्ष 2018 में वे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख रहे। भूपेश बघेल कई वर्षों से जन विवाह समारोह आयोजित करते आ रहे हैं। हाल ही में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में बघेल ने पाटन सीट से विजय हासिल की है।
भूपेश बघेल का विवादों से भी नाता रहा है। साल 2017 में सेक्स सीडी कांड मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंप दिया था। बाद में बघेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।