रविवार, 13 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. तीज त्योहार
  4. Panguni Uthiram Festival 2025
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 (16:28 IST)

तमिल हिंदुओं का त्योहार पंगुनी उथिरम, जानिए 5 खास बातें

Panguni Uthiram 2025 date
Panguni Uthiram 2025: पंगुनी उथिरम एक तमिल हिंदू त्योहार है। यह पंगुनी उथिरम महीने की पूर्णिमा या 14 मार्च से 13 अप्रैल के बीच मनाया जाता है। यह उस दिन पड़ता है जब चंद्रमा तमिल कैलेंडर के बारहवें महीने पंगुनी में उत्तिरम यानी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र तारांकन से गुजरता है। तमिल हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार पंगुनी उथिरम कई मायनों में खास है। इस त्योहार से जुड़ी 5 खास बातें इस प्रकार हैं:ALSO READ: हनुमान चालीसा पढ़ने का सही तरीका क्या है?
 
1. दिव्य विवाहों का दिन: पंगुनी उथिरम को दिव्य विवाहों का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती, भगवान मुरुगा और देवी देवयानी, भगवान राम और देवी सीता, और भगवान विष्णु (रंगनाथ) और देवी अंडाल के विवाह संपन्न हुए थे। इसलिए, यह दिन विवाह और मजबूत रिश्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
 
2. उत्थिराम नक्षत्र का महत्व: यह त्योहार तमिल महीने पंगुनी में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जब चंद्रमा उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र (जिसे तमिल में उत्थिराम नक्षत्र कहा जाता है) में होता है। ज्योतिष में, इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है, जो प्रेम, शांति और वैवाहिक सुख का प्रतीक है। इसलिए, इस नक्षत्र का इस त्योहार से गहरा संबंध है।ALSO READ: हनुमान चालीसा पढ़ने का सही समय क्या है?
 
3. भगवान मुरुगा को समर्पित: पंगुनी उथिरम मुख्य रूप से भगवान मुरुगा जिन्हें स्कंद या कार्तिकेय भी कहा जाता है, को समर्पित है। इस दिन, मुरुगा मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। भक्त कावड़ी अट्टम या एक प्रकार का भक्ति नृत्य करते हैं और अपनी भक्ति और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए मंदिरों में भेंट चढ़ाते हैं।
 
4. शुभ विवाह मुहूर्त: पंगुनी उथिरम को विवाह के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन विवाह करने वाले जोड़ों को दिव्य आशीर्वाद मिलता है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय और समृद्ध होता है। इसलिए, कई तमिल हिंदू इस शुभ दिन पर विवाह बंधन में बंधते हैं।
 
5. महालक्ष्मी जयंती: कुछ मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन क्षीर सागर मंथन के दौरान देवी महालक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इसे महा लक्ष्मी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की भी विशेष पूजा की जाती है।
 
अत: पंगुनी उथिरम तमिल हिंदुओं के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ त्योहार है, जो दिव्य विवाहों, भगवान मुरुगा की आराधना और वैवाहिक सुख की कामना के लिए मनाया जाता है।ALSO READ: हनुमान चालीसा पढ़ते वक्त न करें ये गलतियां अन्यथा नहीं मिलेगा पाठ का फल

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ये भी पढ़ें
12 साल बाद बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल