हमारे देश के इतने सारे नाम क्यों?
- डॉ. आदित्य नारायण शुक्ला 'विनय'
हमारे देश का वास्तविक नाम 'भारत' है, जो वास्तव में दुष्यंत-शकुंतला के पुत्र महान पराक्रमी और न्यायप्रिय प्राचीन राजा भरत के नाम पर पड़ा था। कालांतर में यह इंग्लिश में लिखने पर भारत (Bharat) हो गया, जिसका official नाम पता नहीं क्यों अंग्रेजों ने 'इंडिया' कर दिया। लेकिन स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने भाषणों में 'हिंदुस्तान-हिंदुस्तान-हिंदुस्तान' की रट लगाये रहते हैं।
कितने नाम रखेंगे हम अपने देश का? इंडिया, भारत, भारतवर्ष, हिन्द, हिन्दोस्तां, हिन्दुस्तान, आर्यावर्त, शायद 2-4 और हों।
हम अपने अमेरिकी मित्रों के इन लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न से तंग आ चुके हैं-
How many names of your country's have ?
यह हम शत-प्रतिशत भारतीयों के लिए दुर्भाग्य की बात है कि संसद में पास करके हम अपने देश का कोई एक नाम तक नहीं रख सकते। 'भारत' को छोड़कर शायद सारे अन्य नाम हम पर आक्रमणकारियों और हमें गुलाम बनाने वालों ने दिए हैं, जिनसे हम आज तक चिपके हुए हैं। जैसे ढाई सौ साल पुराने MBBS और BAMS की डिग्रियों से जिनमें कहीं भी 'डॉक्टर' शब्द नहीं हैं।
जबकि कई देशों जैसे श्रीलंका ने अपना 'सीलोन' का लेबल निकाल कर फेंक दिया है। सुप्रसिद्ध साहित्यकार हरिशंकर परसाई ने कहा था 'जिसे हम 'हिन्दी' कहते हैं उसे वास्तव में हमें 'भारती' कहना चाहिए। शायद इंसान की दिमागी गुलामी कभी नहीं जाती।