Sharadiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि में प्रारंभ हो गई है गरबा प्रैक्टिस, जानिए गरबा उत्सव के नियम
शारदीय नवरात्रि 2025: गरबा उत्सव के नियम और महत्व
sharadiya navratri 2025: हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि का उत्सव शुरू होता है। इस साल यह पर्व 22 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा। नवरात्रि के दौरान गरबा नृत्य का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे माता दुर्गा को प्रसन्न करने का एक तरीका माना जाता है। गरबा डांडिया और मटकी नृत्य के माध्यम से भक्त अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं। यहाँ गरबा उत्सव के दौरान पालन किए जाने वाले प्रमुख नियम और सावधानियाँ दी गई हैं।
गरबा उत्सव के लिए क्या करें?
पारंपरिक वेशभूषा: गरबा नृत्य करते समय पारंपरिक कपड़े पहनें। महिलाएँ रंग-बिरंगी चनिया चोली और दुपट्टा पहन सकती हैं, जबकि पुरुष पारंपरिक कुर्ता-पायजामा और पगड़ी पहन सकते हैं।
पानी का सेवन: नृत्य के दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें ताकि थकान न हो और शरीर को ऊर्जा मिलती रहे।
क्षमता का ध्यान रखें: अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक नृत्य न करें। ऐसा करने से फेफड़ों और हृदय पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है।
धार्मिक संगीत का उपयोग: गरबा के लिए केवल भक्तिमय और धार्मिक गीतों का ही प्रयोग करें। इससे माहौल की पवित्रता बनी रहती है।
सुरक्षा और सुविधा: आयोजकों को चाहिए कि वे गरबा स्थल पर पानी की पर्याप्त व्यवस्था करें और खान-पान के स्टॉल नृत्य स्थल से कुछ दूरी पर बनाएँ। साथ ही, महिला प्रतिभागियों के लिए सुरक्षित चेंजिंग रूम की व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
गरबा उत्सव के दौरान क्या न करें?
अश्लील गाने: किसी भी तरह के फिल्मी या अश्लील गानों पर नृत्य करने से बचें, क्योंकि यह गरबा की पवित्रता के विरुद्ध है।
गलत व्यवहार: गरबा पंडाल में शोर मचाना, सीटी बजाना या हुड़दंग करना अनुचित है। ऐसा करने से भक्ति का माहौल बिगड़ता है।
नशा और गरिष्ठ भोजन: नृत्य के दौरान किसी भी प्रकार के नशे या भारी भोजन का सेवन न करें। हल्का भोजन और जूस का सेवन करना बेहतर है।
उद्देश्य को समझें: यह नृत्य माता दुर्गा की भक्ति के लिए किया जाता है, न कि केवल मनोरंजन या व्यायाम के लिए। इस बात का हमेशा ध्यान रखें।