मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Will Opposition INDIA be heavy on PM Modi
Written By नृपेंद्र गुप्ता

Opposition Meeting: क्या विपक्ष का 'INDIA' नाम पीएम मोदी पर भारी पड़ेगा?

PM vs opposition
लोकसभा चुनाव 2024 में मात्र 9 माह का समय शेष हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। क्या अमेरिका, क्या फ्रांस और रूस सभी मोदी को मनाने में जुटे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में भी अब तक पीएम मोदी और भाजपा का पलड़ा ही मजबूत नजर आ रहा है। बहरहाल विपक्ष के 26 दलों ने मिलकर I.N.D.I.A के रूप में एक ऐसा चक्रव्यूह रचा कि वह अचानक मुकाबले में खड़ा हो गया। अब सवाल उठ रहा है कि क्या विपक्ष का नया गठबंधन नए नाम के साथ पीएम मोदी पर भारी पड़ेगा?
 
विपक्षी‍ मोर्चे के नाम का ऐलान होते ही भाजपा की सोशल मीडिया टीम एक्टिव हो गई। किसी ने नाम की संवैधानिकता पर सवाल उठाए तो किसी ने इसे उपनिवेशवाद का प्रतीक बता दिया। असम के मुख्‍यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने तो ट्विटर बायो से यह कहते हुए INDIA हटा दिया कि अंग्रेजों ने रखा था इंडिया नाम। कई मीडिया खबरों में दावा किया गया कि नीतीश कुमार इंडिया नाम से नाराज है। उन्हें इस बात की भी शिकायत है कि उन्हें गठबंधन का संयोजक क्यों नहीं बनाया गया। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश को गठबंधन का संयोजक बनाया जा सकता है, जबकि सोनिया गांधी इसकी चेयरपर्सन हो सकती हैं। 
 
इधर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप समेत 10 राज्यों में सत्तासीन पार्टियों के गठबंधन ने भी आक्रामक तरीके से मोर्चाबंदी की। सोशल मीडिया पर इंडिया बनाम एनडीए ट्रेंड करने लगा। कहा गया कि अब इंडिया एनडीए को हराएगा।
 
बहरहाल नाम की यह जंग आगे और दिलचस्प मोड़ लेती नजर आ रही है। कहा जा रही है कि इसमें चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की एंट्री होगी।
 
जयराम रमेश ने ट्विटर पर एक वीडियो भी साझा किया जिसमें प्रधानमंत्री मोदी एक चुनावी जनसभा में वोट फॉर इंडिया की अपील करते सुने जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब 26 राजनीतिक दल अपने गठबंधन को 'इंडिया' कहते हैं, तो वह नाराज़ हो जाते हैं और कहते हैं कि इंडिया का उपयोग 'औपनिवेशिक मानसिकता' को दर्शाता है! उन्हें जाकर अपने बॉस को यह बात बतानी चाहिए।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजग के 39 दलों की बैठक में जिस तरह विपक्ष के I.N.D.I.A पर हमले किए, वह राजनीतिक विशलेषकों के लिए चौकाने वाला रहा। पीएम ने कहा कि जनता देख रही है कि ये पार्टियां क्यों इकट्ठा हो रही हैं? जनता ये भी जान रही है कि ऐसा कौन सा गोंद है जो इन पार्टियों को जोड़ रहा है। किस तरह छोटे-छोटे स्वार्थ के लिए मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता किया जा रहा है।
 
उन्होंने कहा कि जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी से होता है, जब गठबंधन भ्रष्टाचार के इरादे से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया जाता है तो वह गठबंधन देश को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
 
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की याद तभी आई जब 26 विपक्षी पार्टियां मिलकर ‘इंडिया’ समूह बनाने के लिए एकसाथ आ गईं। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ देश में तानाशाही को हराएगा। अगला प्रधानमंत्री कौन होगा इसका फैसला ‘इंडिया’ करेगा।
 
पहले इस गठबंधन का नाम इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) रखने का विचार था, लेकिन कुछ नेताओं का तर्क था कि ‘डेमोक्रेटिक’ शब्द रखने से भाजपा के नेतृत्व वाले ‘नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस’ (राजग) का भाव आता है। इसके बाद ‘डेमोक्रेटिक’ के स्थान पर ‘डेवलपमेंटल’ किया गया।
 
बहरहाल नए गठबंधन से भाजपा को कड़ी टक्कर मिलती नजर आ रही है। यह सही बात है कि पीएम को टक्कर देने वाला चेहरा फिलहाल विपक्ष के पास नहीं है लेकिन 26 पार्टियों से मिलकर बना गठबंधन एकजुट होकर ब्रांड मोदी को चुनौती जरूर दे सकता है।
 
बंगाल में ममता, कर्नाटक में सिद्दारमैया और शिवकुमार, दिल्ली तथा पंजाब में केजरीवाल पहले भी ब्रांड मोदी पर भारी पड़ चुके हैं। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, नीतीश कुमार, लालू यादव, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव जैसे महारथियों के साथ विपक्ष के पास अब प्रचारकों की फौज है। महाराष्‍ट्र में शिवसेना और NCP के टूटने के बाद भाजपा की पहली परीक्षा अभी बाकी है। दक्षिण भारत में भाजपा की स्थिति कमजोर है। ऐसे में नरेंद्र मोदी किस तरह इस नई चुनौती का सामना करते हैं यह देखना सभी के लिए दिलचस्प होगा।  
ये भी पढ़ें
जयराम रमेश बोले, संसद चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की, हम चर्चा को तैयार