• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. weather to disturbing events every forecast is telling govt astrologer
Written By
Last Updated : रविवार, 12 जनवरी 2020 (13:57 IST)

ज्योतिषी का दावा, मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान भी बता रहे हैं केंद्र सरकार को

ज्योतिषी का दावा, मौसम के साथ ही अशांति फैलाने वाली घटनाओं के पूर्वानुमान भी बता रहे हैं केंद्र सरकार को - weather to disturbing events every forecast is telling govt astrologer
नई दिल्ली। मौसम का मिजाज भांपने में मौसम विभाग का पूर्वानुमान भले ही यदा-कदा गलत हो जाता हो, लेकिन ‘ज्योतिष’ को स्थापित विज्ञान बताते हुए एक ‘नजूमी’ का दावा है कि वे पिछले कुछ सालों से सरकार को मौसम की सटीक भविष्यवाणी से लगातार अवगत करा रहे हैं।
 
ज्योतिष में डॉक्टरेट की उपाधिधारक डॉ. शेषनारायण वाजपेयी का कहना है कि वे मौसम और वायु प्रदूषण ही नहीं, बल्कि दंगा फसाद, सामाजिक आंदोलन और अग्निकांड जैसी घटनाओं के पूर्वानुमान से भी प्रधानमंत्री कार्यालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और मौसम विभाग को लगातार अवगत करा रहे हैं।
 
डॉ. वाजपेयी ने बताया कि ज्योतिष विज्ञान पर आधारित भविष्यवाणियों का लाभ लेने की बात, सरकार द्वारा कुछ मजबूरियों के कारण खुले तौर पर स्वीकार न करने के बावजूद हमने सरकार को मौसम के मिजाज से अवगत कराने का सिलसिला जारी रखा है।
 
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने माना कि वाजपेयी ने प्रयोग के तौर पर 2018 में मौसम विभाग को मासिक पूर्वानुमान सेवा देना शुरू किया था। हालांकि उन्होंने इस सेवा को विभाग द्वारा आधिकारिक तौर पर स्वीकार करने की बात से अनभिज्ञता जताई है। मौसम विभाग के अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
 
इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के पूर्व सलाहकार डॉ. रजनीश रंजन ने 30 अगस्त 2018 को मौसम विभाग के नवनियुक्त महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा को पत्र लिखकर मौसम के सटीक पूर्वानुमान के बारे में वाजपेयी के सिद्धहस्त होने से अवगत कराते हुए विभाग द्वारा उनकी नियमित सेवाएं लेने का सुझाव दिया था। डॉ. रंजन फिलहाल निजी क्षेत्र की मौसम पूर्वानुमान इकाई स्काईमेट के साथ कार्यरत हैं।
 
वाजपेयी ने बताया कि मंत्रालय की पहल पर मई 2018 में उन्होंने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. राजीवन और मौसम विभाग के तत्कालीन महानिदेशक के जे. रमेश के सामने ज्योतिष पर आधारित मौसम के पूर्वानुमान की गणना एवं आंकलन करने की विधि का विस्तार से वर्णन किया था। रमेश के संतुष्ट होने के बाद ही उन्होंने मौसम विभाग, मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को हर महीने की 30 तारीख को अगले महीने के मौसम का पूर्वानुमान, ई-मेल से भेजना शुरू कर किया।
 
वाजपेयी ने बताया कि यह सिलसिला कुछ महीनों तक चलता रहा। इस दौरान मौसम, पर्यावरण प्रदूषण और प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान के बारे में रमेश के साथ विचार-विमर्श के स्तर पर बेहतर तालमेल भी कायम हो गया। इस बीच जुलाई 2018 में केरल की अप्रत्याशित बाढ़ के बारे में मौसम विभाग का पूर्वानुमान गलत और ज्योतिषीय अनुमान सटीक साबित होने के बाद विभाग ने उनसे किनारा कर लिया।
 
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि शून्य के आविष्कार से लेकर ग्रह नक्षत्रों की गणना तक, प्राचीन भारतीय विज्ञान की उपलब्धियां संदेह से परे हैं।
 
ऐसे में ज्योतिषियों द्वारा इस्तेमाल होने वाले पत्रे में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण सहित अन्य खगोलीय घटनाओं के समय की सटीक घोषणा हजारों साल से किए जाने की सच्चाई हमें स्वीकार करने में हर्ज नहीं होना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि पश्चिम के विकसित देश पत्रे और पुराणों पर शोध कर हमारे प्राचीन विज्ञान की गुत्थियों को सुलझाने में लगे हैं, लेकिन हम इसे पुरातनपंथी मानने की सोच से बाहर आने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।’’
 
मौसम विभाग द्वारा पत्रे की मदद लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सूर्योदय और सूर्यास्त सहित अन्य खगोलीय घटनाओं का समय, मौसम विभाग के पोजीशनल एस्ट्रोनॉमी सेंटर द्वारा पत्रे की ही मदद से जारी किया जाता है। लोगों को शायद यह जानकारी नहीं है कि यह सेंटर ही हर साल का पत्रा भी जारी करता है। (भाषा)