Weather Updates: राजधानी दिल्ली में लगातार 72 घंटे से बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में दिनभर हल्की बारिश होती रही। इससे न केवल मौसम सुहावना हुआ है बल्कि हल्की सिहरन भी महसूस होने लगी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। IMD ने आज शुक्रवार को दिल्ली, पंजाब और बंगाल में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है।
आएमडी के अनुसार उत्तर भारत में मानसून के लौटने का दौर जल्द ही शुरू होने की संभावना है। मगर दिल्ली-एनसीआर पिछले 72 घंटों से लगातार हल्की बारिश से इसके वापसी में देरी की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए भारी बारिश का 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, वहीं शुक्रवार को 'ऑरेंज अलर्ट' के वजह से ट्रेन, सड़क तथा फ्लाइट सर्विस प्रभावित रहने की संभावना जताई गई है।
पंजाब से बंगाल तक बारिश की संभावना : आईएमडी ने बताया कि मानसून ट्रफ पश्चिमी कोस्ट गुजरात से लेकर दक्षिणी कर्नाटक से होकर के गुजर रहा है, वहीं कच्छ के पास अरब सागर में, अमृतसर पंजाब के पास और बांग्लादेश के पास बंगाल की खाड़ी में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है। इसके वजह से पंजाब से लेकर के बंगाल की खाड़ी तक के राज्य जिसमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से आते हैं। यहां पर शुक्रवार को भारी अत्यंत भारी बारिश की संभावना है।
मध्यप्रदेश में भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में 11 लोगों की मौत : भोपाल से मिले समाचारों के अनुसार मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में गुरुवार को भारी बारिश के कारण 11 लोगों की मौत हो गई जिनमें दतिया में दीवार गिरने से 7 लोगों की मौत शामिल है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। अधिकारियों ने बताया कि ग्वालियर में 3 लोगों की मौत हो गई जबकि भिंड में 1 व्यक्ति की मौत हो गई। ग्वालियर में 500 से अधिक लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से बचाया गया है। दतिया शहर के खालकापुरा क्षेत्र में सुबह 4 बजे भारी बारिश के कारण एक मकान के पास मध्यकालीन किले की दीवार ढह जाने से 7 लोगों की मौत हो गई।
एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम दिन में तेलंगाना के हैदराबाद से आई और ग्वालियर में बचाव अभियान में शामिल हो गई, जहां सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटे की अवधि में 198.4 मिलीमीटर बारिश हुई। ग्वालियर में नर्सरी से 8वीं कक्षा तक के स्कूलों के साथ-साथ कार्यालयों को शुक्रवार और शनिवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के भोपाल केंद्र के अधिकारी वी.एस. यादव ने बताया कि राज्य के उत्तरी हिस्से ग्वालियर और चंबल क्षेत्रों में मंगलवार से हो रही भारी बारिश अगले 2 दिनों में कम होने की उम्मीद है।
राजस्थान में बारिशजनित हादसों में 4 लोगों की मौत, 8 अन्य घायल : जयपुर से मिले समाचारों के अनुसार राजस्थान के कई जिलों में लगातार बारिश से निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में आगामी 24 घंटे में भी कई जगह भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। इस बीच, धौलपुर और बाड़मेर जिलों में बारिशजनित अलग-अलग हादसों में 2 मासूम सहित 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 8 अन्य घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि धौलपुर जिले के सैपऊ थाना क्षेत्र में बीती रात भारी बारिश के चलते एक जर्जर मकान के ढह जाने से उसके मलबे में दबे 10 लोगों में से 2 मासूम बच्चों की मौत हो गई। सैपऊ थाना प्रभारी गंभीर सिंह ने बताया कि गोगली गांव में अधिक बारिश होने की वजह से एक पक्का मकान भरभराकर धराशायी हो गया। उन्होंने बताया कि मकान के मलबे में परिवार के 10 सदस्य दब गए। सभी घायलों को मलबे से निकालकर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान आरके (3) और विनय (4) की मौत हो गई।
बाड़मेर जिले के बाखासर थाना क्षेत्र में लूणी नदी में नहाने गए 2 सगे भाइयों की डूबने से मौत हो गई। क्षेत्राधिकारी (चौहटन) कृतिका यादव ने बताया कि लूणी नदी में नहाने गए 2 सगे भाई अशोक और दलतराम की नदी के गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई।
धौलपुर तथा आसपास के इलाके में लगातार हो रही बारिश के बाद में पार्वती बांध के 10 गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। इसके साथ ही धौलपुर-बाड़ी मार्ग पर स्थित उर्मिला सागर बांध भी 'ओवरफ्लो' हो गया है तथा धौलपुर से करौली को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 11बी को आवागमन के लिए बंद किया गया है। अजमेर में लगातार बारिश के चलते कई बांधों का पानी 'ओवरफ्लो' होकर रिहायशी इलाकों में दाखिल हो गया है।
मौसम केंद्र, जयपुर के अनुसार मध्यप्रदेश के ऊपर बना 'डिप्रेशन' गुरुवार को दक्षिण-पश्चिमी उत्तरप्रदेश के ऊपर पहुंच चुका है। इसके आगामी 24 घंटों में लगभग उत्तर की ओर आगे बढ़ने व कमजोर होकर 'वेल मार्क लो प्रेशर' बनने की संभावना है। इस तंत्र के प्रभाव से भरतपुर, जयपुर व कोटा संभाग के कुछ भागों में मेघ गर्जन के साथ कहीं-कहीं भारी, अति भारी बारिश व अजमेर, उदयपुर संभाग के कुछ भागों में हल्की मध्यम बारिश होने की संभावना है।
मौसम केंद्र के मुताबिक 13 सितंबर से राज्य में भारी बारिश की गतिविधियों में कमी होने तथा उत्तर-पूर्वी राजस्थान में मेघ गर्जन के साथ बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। 14 से 17 सितंबर के दौरान छिटपुट स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है।
उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी : उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को पूरी सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं। अपने पत्र में प्राधिकरण ने कहा है कि मौसम विभाग ने गुरुवार को चमोली, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार तथा शुक्रवार को देहरादून,पौड़ी, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार में कहीं-कहीं भारी से अत्यंत भारी वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।प्राधिकरण ने कहा कि इससे मैदानी जिलों में जलभराव तथा पहाड़ी जिलों में भूस्खलन होने की आंशका है जिसे देखते हुए पूरी सावधानी बरती जाए।
यूपी में बारिश से जुड़ीं घटनाओं में 1 दिन में 10 लोगों की मौत : लखनऊ से मिले समाचारों के अनुसार उत्तरप्रदेश में पिछले 24 घंटों में बारिश से जुड़ीं घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई। राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश से जुड़ीं घटनाओं में मैनपुरी में 5 लोगों की मौत हो गई जबकि जालौन और बांदा में 2-2 लोगों एवं एटा में 1 व्यक्ति ने जान गंवाई।
मौसम विभाग ने अवध और रुहेलखंड क्षेत्रों के 1 दर्जन से अधिक जिलों में बहुत अधिक बारिश, अचानक बाढ़ और बारिश से जुड़ी अन्य घटनाओं की चेतावनी जारी की है। राज्य के राहत आयुक्त जी.एस. नवीन कुमार ने कहा कि हाल की बारिश को देखते हुए अधिक वर्षा जिलों को चौबीसों घंटे निगरानी के लिए बाढ़ पीएसी/ एसडीआरएफ/ एनडीआरएफ की टीमों को जरूरत के हिसाब से तैनात किया गया है।
उत्तरप्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान औसतन 28.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य के 75 जिलों में से 51 में अधिक बारिश दर्ज की गई। हाथरस जिले में सबसे अधिक 185.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और चट्टानों के खिसकने से कई मजदूर फंसे : शिमला और रामपुर से मिले समाचारों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बर्फबारी और चट्टानों के खिसकने के कारण गुरुवार को लाल ढाक के पास भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) टॉवर स्थापित करने और सेना की चौकी के निर्माण में जुटे 24 से अधिक मजदूर फंस गए। नागदूम और धारणीथल में बीएसएनएल टॉवर लगाने का काम किया जा रहा था जबकि नागदूम में सेना की चौकी का निर्माण किया जा रहा था।
इलाके में भारी बर्फबारी शुरू होने और ठंड बढ़ने के कारण मजदूर वापस लौट रहे थे। हालांकि चितकुल से करीब 25 किलोमीटर दूर दुमती में एक बड़ी चट्टान के खिसकने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया जिससे वे फंस गए। जिला प्रशासन ने बताया कि मजदूरों के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद सरकारी तंत्र मौके पर भेजा गया है और बर्फबारी रुकने के बाद सड़क खोल दी जाएगी।
इस बीच मौसम विभाग ने गुरुवार को शिमला, किन्नौर और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों में शुक्रवार तक अचानक बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है। इसके साथ ही गुरुवार और शुक्रवार को राज्य के 12 में से 5 जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी और आकाशीय बिजली चमकने का 'येलो अलर्ट' भी जारी किया गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार किन्नौर, मंडी, सिरमौर, सोलन और शिमला जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इसने बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की आशंका के बारे में भी आगाह किया है।
राज्य के कुछ हिस्सों में गुरुवार को हल्की बारिश जारी रही। इस दौरान बुधवार शाम से सिरमौर जिले के धौलाकुआं में सबसे अधिक 26 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, इसके बाद जोत में 7.6 मिमी, काहू में 6.8 मिमी, चौपाल में 6.2 मिमी, मनाली, डलहौजी और वांगटू में 5-5 मिमी बारिश हुई।
मानसून की वापसी नजदीक, इस दिन से होगी शुरुआत : स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून सितंबर के मध्य तक पश्चिमी राजस्थान में अपने अंतिम चरण पर पहुंच जाता है। जानकारी के लिए कि पहले पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी की निर्धारित तारीख 1 सितंबर थी लेकिन 1971 से 2019 तक के आंकड़ों के आधार पर साल 2020 में मानसून की विदाई की तारीख में बदलाव किया गया जिसमें देश के अधिकांश हिस्सों से मानसूनी वापसी की तारीखों में 7-14 दिनों की देरी हुई थी। अब नई तारीखों के अनुसार 17 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी शुरू होती है। राजस्थान से मानसून की वापसी का देश के अन्य हिस्सों से मानसून की वापसी का कोई संबंध नहीं है।
मानसून की वापसी में देरी : पिछले कुछ सालों में मानसून की वापसी में देरी देखी गई है, जैसा कि पिछले 7 सालों में देखा गया है कि 2017 के बाद से साल 2022 में सबसे जल्दी मानसून की वापसी 20 सितंबर को हुई थी, वहीं 2021 में 6 अक्टूबर को सबसे देर से मानसून की वापसी हुई थी।
पिछले साल 2023 में 25 सितंबर को मानसून की वापसी धीमी गति से शुरू हुई थी जिसमें दिल्ली से मानसून की अंतिम विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई थी जबकि दिल्ली से मानसूनी वापसी की सामान्य तिथि 2 सितंबर है, वहीं पूरे देश से मानसून की वापसी 19 अक्टूबर को पूरी हुई थी और यह लगभग उसी समय हुई, जब दक्षिणी प्रायद्वीप (दक्षिण भारत) में पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत हुई।
मानसून की वापसी समय पर : मौजूदा मौसमी बदलावों और मानसून अवसाद के मार्ग को देखते हुए मानसून की वापसी समय पर होने की संभावना है। हालांकि मानसून की वापसी का मतलब यह नहीं है कि किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में बारिश पूरी तरह बंद हो जाएगी। इसका मतलब केवल यह है कि मानसून की वापसी (विदाई) कभी भी शुरू हो सकती है।
Edited by: Ravindra Gupta