गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Trinamool Congress said, is the government trying to make Manipur Kashmir
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 24 जून 2023 (22:42 IST)

क्या सरकार मणिपुर को कश्मीर बनाने की कोशिश कर रही है : तृणमूल कांग्रेस

Mamata Banerjee
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शनिवार को यहां हो रही सर्वदलीय बैठक के बीच तृणमूल कांग्रेस ने प्रश्न किया कि क्या सरकार मणिपुर को कश्मीर में बदलने की कोशिश कर रही है। उसने हिंसा प्रभावित मणिपुर में सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल भेजने की मांग की।

सर्वदलीय बैठक के लिए जारी एक बयान में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल ने केंद्र पर मणिपुर के लोगों की जरूरतों की ‘अनदेखी’ करने का आरोप लगाया। इस बैठक में तृणमूल का प्रतिनिधित्व राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने किया।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ऐसी संभावना है कि डेरेक ने इस बैठक में इस बयान का हिस्सा पढ़ा। बैठक में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों और अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बयान में तृणमूल कांग्रेस ने हिंसा से संबंधित घटनाक्रम पेश किया और बताया कि गोली लगने के बाद अस्पताल जा रहे सात वर्ष के एक बच्चे, उसकी मां एवं एक अन्य रिश्तेदार को कथित रूप से जला दिया गया।
 
तृणमूल कांग्रेस ने कहा, यह तो बस एक ही कहानी है। दिल को दहला देने वाली ऐसी हजारों कहानियां हैं। मणिपुर बहुत विकट स्थिति में है तथा केंद्र सरकार बुरी तरह विफल हुई है। पार्टी ने कहा, जब मणिपुर जल रहा हो, तब असम प्रभावित हुआ, मेघालय प्रभावित हुआ, पूरा पूर्वोत्तर प्रभावित हुआ। पूरा देश प्रभावित हुआ। क्या केंद्र सरकार मणिपुर को कश्मीर में बदलने की कोशिश कर रही है?
 
पार्टी ने कहा कि राज्य में लोगों की जान गई है, विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं, मरीज प्रभावित हैं लोग डर में जी रहे हैं, लोगों में असहाय, डर और निराशा की स्थिति है। उसने कहा कि 4000 से अधिक घरों पर हमला किया गया और उन्हें नष्ट कर दिया गया, 60000 लोग विस्थापित हो गए, 50 दिनों से इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं जो उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है।

पार्टी ने आरोप लगाया, राज्य में संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह ठप हो गई है। तृणमूल ने यह भी कहा कि गृहमंत्री अमित शाह की मणिपुर यात्रा में भी काफी विलंब हुआ क्योंकि यह हिंसा शुरू होने के चार सप्ताह बाद हुई। पार्टी ने कहा कि शाह केवल शिविरों में गए और उन्होंने कुछ चुने हुए लोगों से भेंट की।
 
तृणमूल ने कहा, उन्होंने सड़कों पर उन लोगों से भेंट नहीं की जो प्रभावित हुए हैं, जो सदमे में जी रहे हैं। गृहमंत्री की तीन दिवसीय यात्रा से स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। वास्तव में उसके बाद तो स्थिति और बिगड़ गई।
र्टी ने कहा कि उसकी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मणिपुर जाने की अनुमति मांगी लेकिन गृहमंत्री की ओर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

पार्टी ने कहा कि उसने मणिपुर संकट पर चर्चा करने के लिए गृह विभाग की संसदीय समिति की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की लेकिन समिति के अध्यक्ष ने जवाब दिया कि जो विषय उठाया गया है, उस पर चर्चा करना कठिन है। बयान में कहा गया है, मणिपुर के लोगों का विश्वास बढ़ाने तथा उनके जख्मों पर मरहम लगाने के लिए तृणमूल कांग्रेस मांग करती है कि एक सप्ताह में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजा जाए।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
ये भी पढ़ें
मुंबई में भारी बारिश, 2 लोगों की मौत, यातायात जाम